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Toggle1.नैनीताल का चिड़ियाघर: एक परिचय
नैनीताल उत्तराखंड का एक बहुत प्यार हिल स्टेशन है जो अपनी खूबसूरती और बड़े-बड़े पहाड़ों से शुशोभित है यहीं पर स्थित है गोविंद बल्लभ पंत हाई एटीट्यूड चिड़ियाघर यह एक ऐसा स्थान है
जहां पर काफी पर्यटक आते हैं और इस जगह से काफी आकर्षित होते हैं नैनीताल का चिड़ियाघर दिखाओ अक्सर छोटे-छोटे बच्चों के मुंह से यह सब सुनने को मिलता है और लोग
अपने बच्चों के साथ यहां घूमने का प्लान बनाते हैं आज हम आपको अपने इस हिल यात्रा ब्लॉग में इसी नैनीताल का चिड़ियाघर दिखाओ के बारे में जानकारी देंगे और यहां पर कैसे पहुंचे यह
सब जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे।नैनीताल का जो चिड़ियाघर है वह समुद्र तल से 2100 मीटर की ऊंचाई पर है और यह पूरे उत्तराखंड का एक अकेला चिड़ियाघर है जो हाई एटीट्यूड
चिड़ियाघर है आपको बता दें कि यह चिड़ियाघर 4.6 हेक्टर के क्षेत्र में फैला है और यहां पर आपको वन्यजीवों को देखने का प्राकृतिक अनुभव प्राप्त होता है सन 1984 में यह चिड़ियाघर
नैनीताल में स्थापित किया गया था लेकिन इसको आम जनता के लिए सन 1995 में खोला गया यहां पर आने वाले प्रत्यके पर्यटक हिमालय की दुर्लभ प्रजातियों को बहुत नजदीक से देख सकते
हैं जो छोटे बच्चों के लिए एक मनोरंजन और शैक्षिक अनुभव का काम करता है यहां पर बच्चों को प्रकृति के बीच में रहकर वन्य जीव को समझने का मौका भी नजदीक से मिलता है|
2.चिड़ियाघर के प्रमुख आकर्षण
जब भी हम नैनीताल का चिड़ियाघर दिखाओ का सवाल हमारे मन में आता है तो हमको लगता है कि वहां पर कौन-कौन से जानवर हमको देखने को मिलेंगे इस चिड़ियाघर में बहुत से ऐसे
दुर्लभ और अनोखी प्रजातियां हैं जो यहाँ के मुख्य आकर्षण है :
हिमालयी तेंदुआ:
यह चिड़ियाघर का सबसे मुख्य आकर्षण का केंद्र है आम तौर पर आपको यह हिमालय के ऊंचाई वाले इलाकों में देखने को मिलता है लेकिन हर यात्री वहा तक नहीं पहुँच पाता है
इसलिए इस हिमालयी तेंदुआ का दीदार आप उत्तराखंड के नैनीताल चिड़ियाघर में कर सकते है
स्नो लेपर्ड:
आपको स्नो लेपर्ड काफी बर्फीली क्षेत्रो में दिखाई देता है जो आप आसानी से नैनीताल के चिड़ियाघर में बखूबी देख सकते हैं ।
रेड पांडा:
बच्चों का रेड पांडा जो कि बच्चों को बहुत प्यार होता है वह भी आपको इस चिड़ियाघर में दिखाई देता है ।
मोनाल और सिल्वर फीजेंट:
उत्तराखंड का राज्य पक्षी होने के साथ-साथ आपके यहां पर बहुत सारे रंग बिरंगी पक्षी देखने को मिलते हैं जो की चिड़िया घर की शान है।
भारतीय भालू:
भालू जिसको देखने के लिए काफी पर्यटक व्याकुल रहते हैं ।
3.बच्चों के साथ घूमने का सही समय:
अगर आपको नैनीताल का चिड़ियाघर घूमना है तो इसका सबसे अच्छा समय गर्मियों में मार्च से जून होता है और सर्दियों में अक्टूबर से दिसंबर का समय सबसे बेहतरीन समय है जहां आप अपने बच्चों और परिवार को नैनीताल का चिड़ियाघर दिखाओ और आनंद लो।
गर्मियों में (मार्च से जून):
- मार्च से जून के बीच में बच्चों की स्कूल की छुट्टियां भी होती है जो बच्चों को घूमने के लिए एक परफेक्ट समय है।
- मौसम अच्छा रहता है तो बच्चे भी जानवरों को आराम से देख सकते हैं और उनका आनंद प्राप्त कर सकते हैं।
सर्दियों में (अक्टूबर से दिसंबर):
- सर्दियों के मौसम में जानवर को देखना और भी अच्छा हो जाता है क्योंकि ठंडे के मौसम में जानवर धूप सेकने के लिए बाहर आते हैं और उनको हम अच्छी तरह से देख सकते हैं।
- इस समय हम फोटोग्राफी का भरपूर मजा उठा सकते है और प्राकृतिक जंगल का आनंद ले सकते है।
4.चिड़ियाघर पहुंचने का तरीका:
चिड़ियाघर नैनीताल शहर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर है।
कैसे पहुंचें?
- आप आसानी से नैनीताल में जाकर वहा से स्थानीय टैक्सी बुक कर आसानी से वहा तक पहुँच सकते है ।
- अगर आप ट्रैकिंग का शौक रखते है और साहसिक यात्रा का आनंद लेना चाहते है तो आप पैदल यात्रा भी कर सकते है।
खुलने का समय और फीस
- चिड़ियाघर सुबह 10:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुला रहता है।
- नैनीताल चिड़ियाघर का टाइम सुबह 10.00 बजे का है जो शाम को 4.30 बजे तक खुला रहता है|
- नैनीताल चिड़ियाघर सोमवार को छोड़कर बाकि सब दिन खुला रहता है।
- यहाँ का टिकट बच्चो और बड़ो के लिए अलग अलग है जो बजट के अनुरूप है ।
5.बच्चों के लिए क्यों है यह खास?
नैनीताल का चिड़ियाघर दिखाओ के पीछे हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि हम अपने परिवार के बच्चों को प्रकृति के नजदीक लाकर वन्य जीव की खूबसूरत दुनिया से परिचित कराना चाहते हैं।
शिक्षा और जानकारी:
बच्चे यहां पर जानवरों की आदतों और उनके बारे में जानकारी लेते हैं और कैसे वह रहते हैं इस बारे में वह सीखते हैं।
मनोरंजन और अनुभव:
छोटे बच्चों को नजदीक से जानवर को देखना उनके लिए बड़ा ही मनोरंजक होता है ।
फोटोग्राफी और यादें:
छोटे-छोटे बच्चों को जानवरों के साथ फोटो खींचने का एक अलग ही मजा आताहै ।
पारिवारिक पिकनिक:
इस जगह पर आप पिकनिक मनाने का आनंद भी ले सकते है।
6.तैयारी और टिप्स
नैनीताल के चिड़ियाघर के बारे में अक्सर परिवार के बच्चे माँ पिताजी से कहते है की नैनीताल का चिड़ियाघर दिखाओ हमे भी वहा जाना है अगर आप इस चिड़ियाघर को देखने की योजना बना
रहे है तो आप को यहाँ आकार कुछ जरूरी बताओ का ध्यान रखना होगा।
नैनीताल में घूमने से पहले ध्यान रखने योग्य बाते :
- बच्चो के थकान से बचने के लिए अपने पास पानी और चिप्स के पैकेट जरूर रखे ।
- सर्दियों के मौसम में अपने पास गर्म कपडे जरूर रखे।
- चिड़ियाघर के नियमों का पालन करें: जानवरों को परेशान न करें।
- नैनीताल के चिड़ियाघर कमे अगर आप घूमते है तो पार्क के नियमो का पालन करे और जानवरों के साथ छेड़खानी ना करे|
- अपने साथ कैमरा या मोबाइल ले कर जाये और अपनी यादगार फोटो खीचे ।
7.क्या यह बच्चों के लिए सही है?
नैनीताल का चिड़ियाघर केवल मनोरंजन का ही स्थान नहीं है बल्कि यह बच्चों को पर्यावरण के प्रति जगरूप भी करता है और उनको अपने कार्य के प्रति संवेदनशील बनाता है बच्चों में इस
मनोरंजन पार्क को देखकर उनके ज्ञान में वृद्धि होती है जो उनके बचपन को एक यादगार और बेहतरीन जीवन शैली प्रदान करता है इसलिए बच्चों ऐसे जगह जरूर लेकर जाएं जहा पर उनको
कुछ सीखने का ज्ञान प्राप्त हो और साथ में उनके माता-पिता या उनके गाइड का होना बहुत जरूरी और एक अच्छी प्रकृति और पर्यावरण का ज्ञान प्राप्त हो सके|
8.निष्कर्ष
नैनीताल का चिड़ियाघर दिखाओ यह शब्द हमारा अनुरोध ही नहीं है बल्कि यह बच्चों के लिए एक ऐसा प्रस्ताव है जो उनके पूरे परिवार को ज्ञान और खुशी का अनुभव प्रदान करता है बच्चों
को सही समय पर चिड़ियाघर घुमाने ले जाएं ताकि वे वन्य जीव और जानवरों का महत्व समझ सकें जब भी आप नैनीताल जाते हैं तो चिड़ियाघर को अपनी सूची में जरूर शामिल करें जिससे
कि बच्चे उस स्थान पर जाकर काफी प्रसन्न होते हैं और नए-नए प्रकार के जंगली जानवरों से उनका परिचय होता है|