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Toggle1-परिचय:
कसोल कहां है कसोल हिमांचल प्रदेश का एक छोटा सा गांव है जो की बहुत खूबसूरत है यह गांव अपनी सुंदरता और जलवायु के कारण बहुत प्रसिद्ध है इसकी अनोखी संस्कृति और यहां की आभवा
इसको एक अलग पहचान दिलाती है|कुछ लोग इसे मिनी इजरायल के नाम से भी जानते हैं लेकिन क्या आपको मालूम है इसे मिनी इजराइल क्यों कहा जाता है और यह नाम इसे कैसे मिला चलिए
आप को बताते है इसके बारे में कुछ खास बातें हैं जो हम आपको अपने इस हिलयात्रा ब्लॉक के माध्यम से बताएंगे|
2-कसोल कहां है: कैसे पहुंचे यहाँ
कसोल हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिले में एक खूबसूरत और प्यारा सा गाँव है लोग इसे मिनी इजरायल के नाम से भी जानते हैं आज हम आपको बताते हैं कि इसको मिनी इजरायल के नाम से
क्यों जानते हैं क्योंकि यहां पर इजरायली पर्यटक काफी तादात में यहां पर आते हैं |कसोल की ऊंचाई समुन्द्र तल से 1580 मीटर के आसपास है|कसोल पार्वती घाटी और पार्वती नदी के किनारे
पर बसा हुआ एक सुंदर गाँव है|यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए बहुत ज्यादा मशहूर है एडवेंचर और शांति की अगर आपको तलाश है तो इससे सुकून भरी जगह आपको दूसरी नहीं मिल
सकती जहां आप आनंद के साथ अपना शांति प्रिया वातावरण में निवास कर सकते हैं यह एक आदर्श जगह होने के साथ-साथ बहुत शांतिप्रिय जगह भी है कसोल कहां है और वहां पर कैसे
पहुंचा जाए इसकी जानकारी हम आपको देते हैं|
कसोल कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग से कसोल कैसे पहुंचे अगर आप कसोल जाना चाहते हैं और वहां पहुंचने के लिए आप हवाई मार्ग का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो कसोल का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है उसका नाम
है भुंतर एयरपोर्ट जो कसोल से मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है भुंतर एयरपोर्ट दिल्ली चंडीगढ़ और भारत के शहरों से जुड़ा हुआ है जहां पर आप आसानी से पहुंच सकते हैं भुंतर एयरपोर्ट
पहुंचने के बाद आप कसोल तक के लिए टैक्सी या बस बड़ी ही आसानी से ले सकते हैं और कसोल पहुंच सकते हैं जब आप टैक्सी या किसी भी प्राइवेट वाहन से जाते हैं तो रास्ते के अद्भुत
नजारे आपके भीतर रोमांच पैदा करते है इन खूबसूरत कसोल की वादियो को देखकर |
सड़क मार्ग से कसोल कैसे पहुंचे:
कसोल तक पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग से भी आसानी से जा सकते हैं कसोल हिमाचल प्रदेश और हमारे पड़ोसी राज्यों से बहुत अच्छी तरह से आपस में जुड़ा हुआ है जहा से आप को आने में
किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा|
दिल्ली से कसोल:
अगर आपको दिल्ली से कसोल जाना हो तो कसोल की दूरी मात्र 520 किलोमीटर है दिल्ली से है जहां आप हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस का इस्तेमाल कर भुंतर या मनाली तक आराम से पहुंच सकते हैं
चंडीगढ़ से कसोल:
चंडीगढ़ से कसोल अगर आपको जाना है तो यहाँ तक की दूरी मात्र 300 किलोमीटर की है। जिसे आप बस या टैक्सी के माध्यम से 8 से 10 घंटे के बीच में पूरा कर सकते है।
मनाली से कसोल:
मनाली से कसोल तक की दूरी आप बड़े ही आराम से और आसानी से लोकल टैक्सी या बस के माध्यम से कर सकते हैं यह दूरी मनाली से कसोल तक 75 किलोमीटर की है और इस यात्रा के
सफ़र में आपको 2.5 से 3 घंटे लगते हैं घुमावदार रास्ते और खूबसूरत घाटिय सुंदर-सुंदर नदियों के नजारे देखते हुए आप कसोल तक आराम से पहुंच जाते है|
3-कसोल की प्राकृतिक सुंदरता:
कसोल जो हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है इसका दीदार हर कोई पर्यटक करना चाहता है पार्वती घाटी के बीच में बसा यह खूबसूरत गांव अपनी अद्भुत और प्राकृतिक छटा के लिए बहुत
प्रसिद्ध है अगर आप सोच रहे हैं की कसोल कहां है तो आपको बता दें कि यह गांव कुल्लू से मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर है और हिमाचल के भुंतर एयरपोर्ट से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित
ये खूबसूरत गांव है चारों ओर फैली हरियाली इसकी प्राकृतिक छटा को खूबसूरत बनाती है बर्फ से ढके ऊंचे ऊंचे पहाड़ और पार्वती नदी का किनारा इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देता है
पार्वती नदी का सौंदर्य :
कसोल की प्राकृतिक सुंदरता इसकी यहां पर बहने वाली पार्वती नदी है इसका साफ और स्वच्छ पानी हर पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करता है आप नदी के किनारे बैठकर अपना समय व्यतीत
कर सकते हैं और शांत जीवन जी सकते हैं जब सूर्य की किरणे इस नदी पर पड़ती है तो वह चमक उठती है यह दृश्य भी बड़ा ही अद्भुत और मनोरम लगता है फोटोग्राफी करना और मस्ती करना हर पर्यटक को यहाँ अच्छा लगता है|
बर्फ से ढकी पहाड़ियां और हरियाली:
बर्फ से ढकी पहाड़ियां कसोल की खूबसूरती ही नहीं बल्कि वहां की प्राकृतिक छटा को और भी निखार देती है जब पर्यटक पूछते हैं कि कसोल कहां है और वहां पर जाने के बाद जब वह ऊंचे
ऊंचे पहाडो को देखते हैं बर्फ से ढके हुए तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता है ऊंची ऊंचे देवदार के पेड़ और चारो और हरियाली बर्फ से ढके पहाड़ मानो कसोल की सुंदरता की और भी
ज्यादा बढ़ाते है जब आप यहां पर ट्रैकिंग करते हैं और पहाड़ों की घाटियों से नीचे का दृश्य देखते हैं तो वह एक बड़ा ही मनोरम व आकर्षक दिखाई देता है जो आपको सफ़र को हमेशा के लिए यादगार बना देता है|
खीरगंगा और मलाणा के अद्भुत नजारे:
खीर गंगा और मलाणा भी हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत पर्यटक स्थल है इन पर्यटक स्थलों का भी अपना एक अलग ही महत्व है
खीरगंगा ट्रेक:
यह ट्रैक पार्वती घाटी के अंदर से होकर गुजरता है जब आप इस ट्रैक पर जाते हैं तो आपको झरने और हरे भरे पहाड़ और ऊंचे ऊंचे मैदान साथ में गर्म पानी के झरने भी दिखाई देते हैं जो कि यहां की खूबसूरती को और भी निखार देते है|
मलाणा गांव:
हिमालय की तलहटी में बसा यह सुंदर गांव बहुत ही खूबसूरत और प्यारा है यहां की संस्कृति और परंपरा बहुत ही अनोखी है शांत और प्राकृतिक सुकून देने वाला यह स्थान हर किसी को अपनी और आकर्षित करता है|
4-कसोल को ‘मिनी इज़राइल‘ क्यों कहा जाता है?
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित कसोल एक बेहद ही खूबसूरत और सुंदर गांव है यह गांव अपनी हरियाली और खूबसूरत पहाड़,पेड़ पौधों के लिए प्रसिद्ध है यहां का शांत वातावरण हर किसी
को अपनी ओर आकर्षित करता है अगर आप सोच रहे हैं की कसोल कहां है तो आपको बता दें पार्वती नदी के किनारे बसा यह सुंदर सा गांव अपनी अद्भुत छटा और प्राकृतिक धरोहरों के लिए
प्रसिद्ध है कसोल को मिनी इजरायल के रूप में भी जानते हैं और इसके पीछे के कई तथ्य है|
इजरायली पर्यटकों का आना :
कसोल में काफी संख्या में इजरायली पर्यटक आते हैं जो यहां की प्राकृतिक सुंदरता और यहां की आभवा से काफी रूबरू होते हैं उनको यहां पर आकर ट्रैकिंग करना और शांत वातावरण में रहने का
आनंद मिलता है सन 1990 के आसपास से कसोल में इजरायली पर्यटकों का आना शुरू हुआ था और यह पर्यटक कसोल की इन शांतिपूर्ण वादियों में बैठकर सुकून प्राप्त करते हैं और काफी पर्यटक
यहां पर कई महीनो तक रुकते हैं इसीलिए इस जगह का नाम मिनी इजराइल भी लोग कहने लगे इजरायली संस्कृति का प्रभाव आपको साफ तौर पर यहां देखने को मिल जाएगा क्योंकि यहां के
स्थानीय रेस्टोरेंट में आपको इजरायली व्यंजन भी परोसे जाते हैं यहां की दुकानों में आपको हिब्रू भाषा के साइन बोर्ड भी और रेस्टोरेंट के अंदर मेनू में भी आपको वह सब देखने को मिल जाते हैं काफी
पर्यटक इजरायल के यहां पर लंबे समय तक निवास करते हैं और कसोल की संस्कृति से बड़ा ही प्रभावित होते हैं
5-कसोल में करने योग्य गतिविधियां: ट्रेकिंग का हब:
कसोल ट्रेकिंग और एडवेंचर के लिए प्रसिद्ध है। यहां आने वाले पर्यटक विभिन्न रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।कसोल एडवेंचर और ट्रैकिंग के लिए बहुत प्रसिद्ध है यहाँ आने वाल हर एक
पर्यटक शांति और यहाँ के ऊँचे ऊँचे ट्रैको पर चलकर रोमांच का अनुभव प्राप्त करना चाहता है।
खीरगंगा ट्रेक:
खीरगंगा ट्रेक कसोल का सबसे प्रसिद्ध टैक्स है इस ट्रैक्स में हर एक पर्यटक जाना चाहता है जो की बहुत ही प्रसिद्ध है पार्वती घाटी से होकर यह ट्रैक निकालता है जो बेहद ही शानदार है|
तोश और मलाणा गांव की यात्रा:
इन दोनों गांव का भी अपना एक अलग अस्तित्व है और यह दोनों गांव भी अपनी संस्कृति और परंपरा के लिए प्रसिद्ध है|
कैंपिंग और फिशिंग:
अक्सर लोग पार्वती नदी के किनारे बैठकर मछलियां पकड़ना बहुत पसंद करते हैं जो उनके लिए एक मजेदार अनुभव होता है कसोल एडवेंचर के शौक रखने वालो के लिए स्वर्ग से कम नहीं है।।
6-कसोल का खानपान और स्थानीय कैफे:
कसोल हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में एक छोटा सा गांव है जो पार्वती नदी के किनारे बसा है अगर आप सोच रहे हैं की कसोल कहां है तो आपको बता दें कि यह पार्वती घाटी के तलहटी में
बसा हुआ एक छोटा और सुंदर सा गांव है जो पर्यटकों को विशेष तौर पर अपनी और आकर्षित करता है कसोल के खानपान में आपको अंतरराष्ट्रीय भोजन का जायका देखने को मिल जाएगा|
कसोल के कैफे की अनोखी संस्कृति:
कसोल के कैफे न केवल स्वादिष्ट भोजन परोसते हैं, बल्कि यह जगहें दोस्तों के साथ समय बिताने, संगीत का आनंद लेने और शांत वातावरण में आराम करने के लिए भी मशहूर हैं।
कसोल के कैफे आपको स्वादिष्ट भोजन के साथ साथ दोस्तों के साथ मौज मस्ती करने का समय भी प्रदान करते है यहाँ के शांत वातावरण में आप संगीत का आनंद भी ले सकते है
जर्मन बेकरी:
यहां पर एक जर्मन बेकरी है जहां पर आपको पेस्ट्री केक और बहुत सारी जर्मन चीजे आपको उपलब्ध होती है जो यहां पर बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है ।
एवरग्रीन कैफे:
एवरग्रीन कैफे यह कैफे भी अपने इजरायली स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है यहां पर आपको फलाफेल ,शाकशूका और हुमस जैसी व्यंजन आपके परोसे जाते हैं
मून डांस कैफे:
कसोल की सुंदर और शांत वातावरण के बीच में आप मून डांस कैफे में बैठकर भोजन का आनंद ले सकते है यह एक ऐसा स्थान है जहां पर सभी भोजन प्रेमी एक साथ
7-कसोल घूमने का सही समय
काफी पर्यटक यह जानना चाहते हैं कि कसोल कहां है, तो आपको बता दे की यह हिमांचल के कुल्लू जिले में एक छोटा सा खूबसूरत गांव है अगर आपको कसोल घूमना है तो यहां घूमने का
सबसे अच्छा समय मार्च से जून के बीच का होता है और सर्दियों में अक्टूबर से नवंबर के बीच आप यहाँ घूम सकते है|अगर आप इन सीजन में यहां पर यात्रा करना चाहते हैं तो आपके लिए बहुत
अच्छा रहता है ताकि आप प्रकृति की हरियाली और सुंदरता को अच्छी तरह से देख सके|
गर्मियां:
गर्मियों के समय यहां का मौसम काफी स्वच्छ और साफ रहता है और चारों ओर कुदरत की हरियाली आपको देखने को मिल जाती है ।
सर्दियां:
अगर आप को बर्फ का मजा देखना है तो आप यहाँ पर दिसंबर से फरवरी का समय चुन सकते है।
मानसून:
मानसून के दौरान यहां पर ट्रैकिंग करना बहुत कठिन हो जाता है इसलिए मानसून के दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए हालांकि मानसून के दौरान घाटी और भी खूबसूरत हो जाती है और अपने रोमांस से खिल उठती है|
8-निष्कर्ष
कसोल हिमाचल प्रदेश का एक बहुत सुंदर हिल स्टेशन है जिसको मिनी इजरायल के नाम से भी लोग जानते हैं अगर आप सोचते हैं की कसोल कहां है तो आपको बता दें कि यह हिमाचल के
कुल्लू जिले में स्थित एक छोटा सा गांव है जो हिमाचल के भुंतर एयरपोर्ट से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह अपनी शांत हरी भरी वादियों के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है यहां पर आपको
इजरायली संस्कृति भी देखने को मिल जाएगी गर्मी में यह स्थान ट्रैकिंग के लिए बहुत अच्छा है और सर्दियों में यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं है यहां के स्थानीय कैफे में आपको बहुत से प्रकार की
डिश भी देखने को मिल जाएगी जिसमें देसी विदेशी और स्थानी डिश भी देखने को मिलती है पार्वती नदी के किनारे यह सुंदर गांव कसोल बसा है कसोल कहां है और यहां क्यों घूमना चाहिए इसका
जवाब यह है की एक बार आप अपनी यात्रा का प्लान बनाये आपको स्वयं इसका उत्तर प्राप्त हो जायेगा| यहां की अद्भुत सुंदरता और यहां की संस्कृति वास्तव में एक मिसाल है|
Nice place 😀