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Toggle1- परिचय
अगर आप वन्य जीव को नजदीक से देखना चाहते हैं या उनकी अनोखी दुनिया में प्रवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए आईये हमारे उत्तराखंड के रामनगर क्षेत्र में जहां पर छिपा है प्रकृति का खूबसूरत खजाना और जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क तो स्वागत है आपका हमारे उत्तराखंड के इस जिम
कॉर्बेट नेशनल पार्क में दोस्तों यह पार्क भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान पार्क है इसकी स्थापना सन 1936 में की गई थी उत्तराखंड के नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल की सीमा से लगने वाला यह पार्क अपने बाघों की आबादी के लिए प्रसिद्ध है यहां पर आप आकर न सिर्फ बाघों को देख सकते
हैं बल्कि हाथी हिरण भालू और बहुत सारे दुर्लभ पक्षी और प्रजातियों के दर्शन भी आप कर सकते है|अब सवाल यह उठता है कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है यह पार्क उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले के रामनगर शहर में स्थित है और इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन रामनगर है जो कि
अपने देश की राजधानी दिल्ली से लगभग 260 किलोमीटर की दूरी पर है यहां तक पहुंचाने के लिए आप सड़क मार्ग से रेल मार्ग से या हवाई मार्ग से आ सकते हैं जब एक बार आप यहां पहुंच जाते हैं तो आपके चारों ओर घने जंगल नदियां पहाड़ और झरने आपके अनुभव को और भी मजेदार
बना देते हैं तो अगली बार जब भी आप सोच कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है तो उत्तराखंड के इस प्राकृतिक वन्य उद्यान का दौरा करने आप जरूर आए यहां न सिर्फ आपको वन्य जीव सफारी की प्राकृतिक सुंदरता का बेहतरीन अनुभव प्रदान होगा बल्कि आपको एक अलग सुकून और शांति भी प्रदान होगी |
लोकप्रियता:
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत में वन्य जीव प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के बीच बहुत ही लोकप्रिय और आकर्षक स्थल बन चुका है इसकी लोकप्रियता का मुख्य कारण यहां बाघों का संरक्षण महत्वपूर्ण है यह पार्क देश का पहला राष्ट्रीय उद्यान पार्क है जहां से प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत
की गई थी पर्यटक यहां पर केवल बाघों को ही नहीं देख सकते हैं बल्कि यहाँ पर काफी ज्यादा प्रजातिया है जिनमे से 600 पक्षी 488 प्रकार के पेड़ पौधे और कई दुर्लभ जंगली जानवरों को भी देख सकते हैं अब पर्यटक यह सोचता है कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है तो इसका सीधा सा
उत्तर है जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले के रामनगर शहर में स्थित है यह पार्क उत्तराखंड के दो जिलों की सीमाओं से लगा हुआ है इधर कुमाऊँ मंडल में नैनीताल से और उधर गढ़वाल मंडल में पौड़ी गढ़वाल जिले से इसकी सीमाएं मिलती है घने और घुमावदार और ऊंची
नीची पहाड़ियों से घिरा यह पार्क वनस्पतियों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए बहुत प्रसिद्ध है यह जगह न सिर्फ वन्य जीव सफारी के लिए ही नहीं है बल्कि शांति और प्राकृतिक वातावरण में कुछ दिन बिताने के लिए भी बनी हुई है काफी पर्यटक हर साल यहां पर घूमने के लिए आते हैं और यहां पर बाघों को देखने के लिए वह किसी भी हद तक गुजर जाते हैं यही कारण है कि जब भी
कोई सोचता है कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है तो इसके साथ रोमांस प्रकृति प्रेम और संरक्षण का संदेश भी जुड़ जाता है आईये इस पार्क का लुत्फ उठाइए और अपने जीवन में सुख शांति का अनुभव पाईये |
ब्लॉग का उद्देश्य:
हमारा इस ब्लॉक पोस्ट का उद्देश्य जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है के बारे में विस्तार से पर्यटकों को जानकारी प्रदान करना है ताकि वह इस रोमांचकारी वन्य जीव क्षेत्र की यात्रा को और भी बेहतर ढंग से कर सके और यहां आने की योजना बना सके जब भी हम किसी नेशनल पार्क के बारे में
सोचते हैं तो हमारे मन में सबसे पहले उसकी लोकेशन वहां पहुंचने का साधन वहां पर क्या खास है यह सारी चीज हमारे मन में आती है ब्लॉक न केवल इन सभी बातों का जवाब देता है बल्कि आपको यह भी बताता है कि वहां का मजा आप कैसे ले सकते हैं और उसे जगह के बारे में पूरी
जानकारी प्रदान करता है यात्रा की तैयारी कैसी होनी चाहिए क्या-क्या हमको यात्रा के दौरान करना चाहिए इन सभी बातों का ध्यान एक ब्लॉक के उद्देश्य से आपको दिया जाता है अगर आप सोच रहे हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है और वहां जाकर कुछ समय वन्य जीव के साथ हम बिताएंगे तो यह आपके लिए एकदम सही कदम हो सकता है|
2-जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की भौगोलिक स्थिति:
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड राज्य के नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल जिलों में स्थित है यह हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्यों कि इसकी सीमाएं कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले और गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले से मिलती है इसलिए यह पार्क दोनों जिलों के अधीन आता है यह पार्क
हिमालय की उत्तरी हिस्से की तलहटी में फैला हुआ एक खूबसूरत पार्क है यहाँ का वातावरण बहुत ही अनोखा है अगर हम यह सोच रहे हैं की जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है तो यहाँ पार्क दिल्ली से लगभग 260 किलोमीटर की दूरी पर बसा है और पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के नैनीताल जिले
के रामनगर शहर में स्थित है इसका जो नजदीकी रेलवे स्टेशन है वह रामनगर है और जो इसका मुख्य प्रवेश द्वार है कॉर्बेट पार्क का क्षेत्रफल लगभग 520 वर्ग किलोमीटर के आसपास फैला हुआ है जंगल के बीचो बीच में खूबसूरत रामगंगा नदी बहती है जो देखने में बहुत ही सुंदर लगती है|
उत्तराखंड राज्य में पार्क का स्थान और उसके नजदीकी शहर
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड के नैनीताल और पौड़ी जिले की सीमाओं से लगा हुआ है यह पार्क भारत के सबसे प्रसिद्ध और खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक है अगर आप यहां जाना चाहते हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है तो इसका सही जवाब है कि यह पार्क उत्तराखंड के
रामनगर में स्थित है इस पार्क के किनारे खूबसूरत रामगंगा नदी बहती है जो देखने में बहुत सुंदर और लगती है रामनगर शहर में इस कॉर्बेट नेशनल पार्क का मुख्य प्रवेश द्वार है जहां से पर्यटक अपनी बुकिंग कर कार्बेट पार्क का भ्रमण कर सकते हैं कॉर्बेट पार्क से रामनगर रेलवे स्टेशन की
दूरी 16 किलोमीटर की है जहां पर काफी ज्यादा पर्यटक आते हैं और वे यहां से कॉर्बेट पार्क के लिए गाड़ियां इत्यादि बुक कर कार्बेट पार्क का आनंद लेते हैं कार्बेट पार्क के आसपास के नजदीकी शहर जो है उसमें सबसे बड़ा शहर उत्तराखंड का हल्द्वानी फिर काशीपुर और नैनीताल जैसे शहर पढ़ते
हैं जहां से पर्यटकों को कॉर्बेट पार्क जाने के लिए सुविधा होती है| इसलिए जब भी आप सोच कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है तो याद रखयेगा यह पार्क उत्तराखंड की खूबसूरत धरती पर बसा हुआ है जहां पर आप वन्य जीव जंतु का आनंद प्राप्त कर सकते है |
साधन (रेल, सड़क, और हवाई मार्ग)
अगर आप सोच रहे हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है और वहां तक कैसे पहुंच जाए और वहां जाने के क्या-क्या साधन है तो उसकी बहुत सारे विकल्प हैं जैसे कि आप रेल मार्ग ,सड़क मार्ग, और हवाई मार्ग से भी वहां पहुंच सकते हैं|
रेल मार्ग:
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का निकटतम रेलवे स्टेशन रामनगर है, जो पार्क के मुख्य प्रवेश द्वार के करीब स्थित है। रामनगर स्टेशन दिल्ली से लगभग 260 किलोमीटर दूर है और यहाँ के लिए
नियमित ट्रेनें उपलब्ध हैं, जैसे रानीखेत एक्सप्रेस और उत्तरांचल संपर्क क्रांति। एक बार जब आप रामनगर पहुँच जाते हैं, तो पार्क तक पहुँचने के लिए स्थानीय टैक्सी या कैब आसानी से मिल जाती हैं।
सड़क मार्ग:
अगर आप सड़क के रास्ते यात्रा करना पसंद करते हैं तो यह माध्यम भी काफी सुविधाजनक हो सकता है दिल्ली से जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के लिए 6 से 7 घंटे का समय लगता है और यहां
से आप अपनी गाड़ी से भी जा सकते हैं या दिल्ली से आप बस के द्वारा भी यहां तक पहुंच सकते हैं और रामनगर तक उत्तराखंड रोडवेज की काफी बसें चलती है जो आपके सफ़र को काफी आरामदेह बनाती है|
हवाई मार्ग:
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है, जो रामनगर से लगभग 80 किलोमीटर दूर है। पंतनगर से रामनगर के लिए टैक्सी या बस आसानी से उपलब्ध होती हैं।
यदि आप पंतनगर के अलावा कहीं और से आ रहे हैं, तो दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (लगभग 260 किलोमीटर) एक अच्छा विकल्प है, जहाँ से आप ट्रेन, बस, या कार द्वारा रामनगर
पहुँच सकते हैं।तो, जब भी आपके मन में सवाल उठे कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है और वहां कैसे पहुँचा जाए, तो ये तीनों मार्ग आपकी यात्रा को सुविधाजनक और यादगार बनाने में मदद करेंगे।
3-जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का इतिहास और महत्व
पार्क की स्थापना और इतिहास का संक्षिप्त विवरण
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का इतिहास बहुत पुराना है यह भारतीय वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक बहुत महत्वपूर्ण कदम था सन 1936 में इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना की गई थी और प्रसिद्ध शिकारी और संरक्षण वादी लेखक जिम कॉर्बेट जिनके नाम पर इस पार्क का नाम रखा
गया और यह पार्क उत्तराखंड में स्थित है यदि आप जानना चाहते हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां स्थित है तो यह पार्क नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल जिलों के बीच फैला हुआ है सन 1973 में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को प्रोजेक्ट टाइगर के लिए चुना गया और इसकी शुरुआत
हुई क्यों कि बाघों की घटती आबादी को बचाना सरकार के लिए बहुत जरूरी था यह पार्क केवल बाघों की महत्वपूर्ण आबादी के लिए ही जाना जाता है हालांकि यहां पर हाथी हिरण सांभर घड़ियाल और बहुत सारे पक्षी जिनकी प्रजातियां कम से कम 600 के आसपास है
पर्यावरण की द्रष्टि से भी यह क्षेत्र अहम् भूमिका निभाता है जब कोई सोचता है कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है तो इसका महत्व बाघ संरक्षण और पर्यावरण के प्रति जागरूकता को फैलाना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है|
जिम कॉर्बेट का योगदान और पार्क का नामकरण
जिम कॉर्बेट का योगदान भारतीय वन्य जीव संरक्षण में अहम् भूमिका निभाता है यह एक प्रसिद्ध शिकारी के नाम से इस पार्क का नाम रखा गया था जिन्होंने भारत में बाघों को संरक्षण देने और उनके प्रति जागरूकता फैलाने का काम किया उन्होंने उत्तराखंड के कई जंगलों में खतरनाक बाघों का
खात्मा किया और कई लोगो की जान बचाई वह वन्य जीव के महत्व को भली भांति जानते थे और उनके प्रति संरक्षण का काम भी करते थे सन 1957 में इस पार्क का नाम जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क रखा गया जब भी कोई पूछता था कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है तो हर एक व्यक्ति
की जुबान पर यह बात आती थी उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर शहर में स्थित यह पार्क है और पौड़ी गढ़वाल तक फैला हुआ है जो वन्य जीव को समर्पण और संरक्षण देने के लिए प्रतिस्बद्ध है
4-वन्यजीव सफारी के विभिन्न प्रकार
जीप सफारी और बजट
जीप सफारी जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का सबसे रोमांचक अनुभव में से एक है काफी पर्यटक यहां आते हैं और सिर्फ जीप सवारी का ही आनंद लेते हैं क्यों कि जीप सवारी में बैठकर जो खुले में घूमने का आनंद आता है वह बंद गाड़ी में बिल्कुल भी नहीं आता है इसलिए यात्रा करते समय
थोड़ा सावधानी भी बरतनी चाहिए हैं यदि आप जानना चाहते हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है और वहां जीव सवारी कैसे बुक करें तो इसके लिए आपको ऑनलाइन बुकिंग या रामनगर में सरकारी कार्यालय से बुकिंग कर सकते हैं बुकिंग के लिए आपको पहचान पत्र और जो भी आपकी
आईडी हो वह साथ में लाना जरूरी है और जीप सवारी की लागत सीजन के ऊपर डिपेंड भी करती है ढिकाला बिजरानी झरना आदि यह वह जगह है जहां पर पर्यटक जाना चाहते हैं उसी हिसाब से इनका बजट होता है एक जीप सफारी कीमत लगभग 4000 से 5000 रुपये तक होती है जिसमे
गाइड आपका निशुल्क होता है और जीप का किराया शामिल होता है तो अगली बार आप जब भी सोचे कि जिम कॉर्बेट नेशनल पर कहां है और वहां का अनुभव कैसा रहेगा तो यहां आकार आप जीप सवारी का आनंद लेना ना भूले
कैन्टर सफारी:
कैन्टर सफारी जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में वन्यजीवों को देखने का एक लोकप्रिय और किफायती तरीका है। यह सफारी एक खुली मिनी बस की तरह होती है, जिसमें 16 से 20 लोगों के बैठने की
व्यवस्था होती है। यदि आप सोच रहे हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है और वहां का अनुभव कैसे लिया जाए, तो कैन्टर सफारी आपको पार्क के अंदर गहराई तक जाने और जीवंत वन्यजीवन को करीब से देखने का अवसर प्रदान करती है।
कैसे बुक करें:
कैन्टर सफारी को बुक करना काफी आसान है। आप इसे जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की आधिकारिक वेबसाइट या रामनगर के पार्क कार्यालय से बुक कर सकते हैं। आपको अपनी यात्रा की तारीख,
पहचान पत्र और पर्यटकों की संख्या के साथ अग्रिम बुकिंग करनी होगी। चूंकि कैन्टर सफारी की सीटें सीमित होती हैं, इसलिए इसे जल्दी बुक करना बेहतर होता है।
फायदे:
कैन्टर सफारी के कई फायदे हैं। सबसे पहले, यह उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है जो ग्रुप में यात्रा कर रहे हैं या जीप सफारी के मुकाबले कम खर्च करना चाहते हैं। इसके अलावा,
कैन्टर सफारी आपको पार्क के प्रसिद्ध ढिकाला जोन में प्रवेश की सुविधा देती है, जो बाघों और अन्य वन्यजीवों को देखने के लिए सबसे अच्छा स्थान माना जाता है। इसलिए, यदि आप जानना
चाहते हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है और वहां की सफारी का अनुभव कैसे किया जाए, तो कैन्टर सफारी एक रोमांचक और किफायती विकल्प है।
हाथी सफारी:
हाथी सफारी जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में वन्यजीवों को देखने का सबसे अनोखा और रोमांचक तरीका है। इस सफारी में आप सीधे एक हाथी की पीठ पर सवार होकर जंगल के गहरे हिस्सों में प्रवेश करते हैं, जहाँ जीप या कैन्टर नहीं पहुँच सकते। हाथी सफारी के दौरान, आपको वन्यजीवों को
बेहद करीब से देखने का मौका मिलता है, क्योंकि हाथी की धीमी चाल और ऊँचाई से आप जंगल के कई अनदेखे हिस्सों का आनंद ले सकते हैं। यदि आप सोच रहे हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है, तो यह सफारी आपके लिए पार्क के प्राकृतिक परिवेश का आनंद लेने और वन्यजीवों को
उनके प्राकृतिक आवास में देखने का सबसे शानदार तरीका है।अगर आपको हाथी सफारी की यात्रा करनी है तो इसके लिए आपको रामनगर में पार्क कार्यालय से बुकिंग पहले ही करा लेनी चाहिए क्यों कि हाथियों की संख्या सीमित होती है और इसकी बुकिंग बहुत जल्दी हो जाती है|
इसलिए अगर आप यहां पर आकर हाथी की सफारी करना चाहते हैं तो आपको समय से पहले ही बुकिंग करवा लेनी होगी जो आपके लिए एक आराम का विकल्प भी हो सकता है
5- वन्यजीव सफारी के दौरान सुरक्षा
पार्क के नियमों :
जब आप सोचते हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है और वहां की यात्रा की योजना बनाते हैं, तो पार्क के नियमों और विनियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह न केवल आपके अनुभव को सुरक्षित और आनंददायक बनाता है, बल्कि वन्यजीवों और प्राकृतिक परिवेश की सुरक्षा के
लिए भी जरूरी है। यहाँ पर सफारी के दौरान शोर करना, जानवरों को खाना खिलाना, या उन्हें डराना सख्त मना है। आप अपने साथ किसी भी प्रकार का प्लास्टिक या कचरा पार्क में नहीं ला सकते। इसके अलावा, पार्क के भीतर केवल निर्धारित मार्गों पर ही यात्रा की अनुमति है, ताकि वन्यजीवों के
प्राकृतिक आवास को कोई नुकसान न पहुंचे। फोटोग्राफी के दौरान फ्लैश का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित है, क्योंकि यह जानवरों को परेशान कर सकता है। ये नियम न केवल आपकी सुरक्षा के लिए हैं, बल्कि पार्क के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए भी जरूरी हैं। इसलिए, जब भी आप
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है के बारे में जानें और वहां जाने का विचार करें, इन नियमों का पालन करना सुनिश्चित करें ताकि आपकी यात्रा सुरक्षित और यादगार बनी रहे।
जानवरों से सुरक्षित दूरी बनाए रखना:
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की यात्रा के दौरान जानवरों से सुरक्षित दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है। यह न केवल आपकी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि जानवरों के प्राकृतिक व्यवहार को भी बनाए रखने में मदद करता है। वन्यजीव स्वभाव से अनिश्चित और आक्रामक हो सकते हैं, खासकर
जब वे इंसानों को करीब पाते हैं। इसलिए, जीप सफारी या जंगल में घूमते समय सुनिश्चित करें कि आप जानवरों से पर्याप्त दूरी पर रहें।अगर आप सोच रहे हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है
और वहां का अनुभव कैसा है, तो जानवरों की सुरक्षा और सम्मान के साथ आपकी यात्रा और भी यादगार हो जाएगी। यह दूरी उनके आवास को सुरक्षित रखती है और आपकी सुरक्षा को भी सुनिश्चित करती है।
6- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में अन्य गतिविधियाँ और आकर्षण
बर्ड वॉचिंग, ट्रेकिंग, और कैंपिंग:
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क सिर्फ बाघों के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि यहां पर वर्ल्ड वाचिंग और ट्रैकिंग और कैंपिंग जैसे रोमांचक अनुभव के लिए भी यह स्थान बहुत प्रसिद्ध है तकरीबन 600 से अधिक प्रजातियां यहां पर पक्षियों की पाई जाती जो इसको एक सुरक्षा पार्क बना देती है जब
सुबह-सुबह पार्क के अंदर पर्यटक यात्रा के लिए निकलते हैं तो पक्षियों की चहचहाहट जैसे ग्रेट हॉर्नबिल, क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल, और किंगफिशर का अनुभव कर सकते हैं। जो लोग ट्रैकिंग करना चाहते हैं और उसका शौक रखते हैं तो पार्क के आसपास और जंगल और पहाड़ियों में कई बेहतरीन ट्रैकिंग
प्वाइंट है जहां पर आप इन चीजो का अनुभव ले सकते हैं इसलिए जब भी आप सोचते हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है तो इन गतिविधियों को जरूर अपनाये या अपनी योजना में शामिल करें क्यों कि यह आपके वन्य जीव अनुभव को खास और महत्वपूर्ण बना देतीहै
7- प्रमुख दर्शनीय स्थल जैसे गिरिजा देवी मंदिर, कोर्बेट म्यूजियम
जब आप जानना चाहें कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है और इसके आसपास कौन-कौन से दर्शनीय स्थल हैं, तो आपको यहाँ कई रोचक जगहें मिलेंगी जो आपकी यात्रा को और भी खास बना देंगी। गिरिजा देवी मंदिर, कोसी नदी के किनारे एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर देवी
पार्वती को समर्पित है और इसे स्थानीय लोगों और पर्यटकों द्वारा “गिरिजा माता मंदिर” भी कहा जाता है। मंदिर तक पहुँचने के लिए एक खूबसूरत पैदल पुल से होकर जाना पड़ता है, जहाँ से नदी और जंगल का नजारा लाजवाब दिखता है।वहीं, कोर्बेट म्यूजियम पार्क के इतिहास और जिम
कॉर्बेट की जीवन यात्रा को जानने का एक बेहतरीन स्थान है। रामनगर में स्थित यह संग्रहालय आपको पार्क की जैव विविधता, जिम कॉर्बेट की जीवन गाथा, और उनकी संरक्षण की दिशा में
की गई पहल के बारे में जानकारी देता है।तो, जब आप सोचें कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है, तो इन दर्शनीय स्थलों को अपनी यात्रा में जरूर शामिल करें।
8-यात्रा की योजना: सुझाव और टिप्स
ठहरने के लिए सर्वोत्तम स्थान:
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास ठहरने के लिए कई शानदार विकल्प मौजूद हैं, जो आपकी यात्रा को आरामदायक और यादगार बना सकते हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
कहां है और वहां ठहरने के लिए कहाँ जाएं, तो रामनगर के आसपास कई रिसॉर्ट्स, होटल, और गेस्ट हाउस हैं।लक्जरी अनुभव के लिए आप ढिकाला फॉरेस्ट रेस्ट हाउस का चयन कर सकते हैं, जो
पार्क के अंदर स्थित है और वन्यजीवों के करीब रहने का अवसर देता है। बजट में रहना चाहें, तो रामनगर में कई किफायती गेस्ट हाउस और होटल उपलब्ध हैं, जैसे टाइगर कैंप और कॉर्बेट मोटल। ये सभी स्थान पार्क के नजदीक हैं और सफारी के लिए सुविधाजनक भी।
बजट के अनुसार योजना कैसे बनाएं:
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की यात्रा करने से पहले आपको अपने बजट की योजना बनाना बहुत अति आवश्यक है क्यों कि आपका बजट उसी के अनुरूप होना चाहिए जो आपने सोचा होगा यदि आप जानना चाहते हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है और वहां की यात्रा कैसे करें तो सबसे पहले
आपको अपनी सफारी और वहां पर ठहरने की व्यवस्था की जानकारी पहले से ही करनी होगी क्यों कि बाद में सभी चीजे बुक हो जाते हैं अगर आप रामनगर में गेस्ट हाउस और बजट के अनुसार होटल चुनते हैं तो आपका बजट भी नहीं डगमगायेगा और यदि आप यात्रा समूह में करना चाहते हैं
तो कैंटर सफारी फायदेमंद का सौदा हो सकता है क्यों कि कैंटर सफारी में 15 से 16 लोग आराम से बैठते हैं उसमें आपका खर्चा बट जाता है इसी प्रकार रामनगर में स्थानीय और छोटे ढाबे हैं जिनसे
आपको खाने-पीने में खर्च भी काम होता है इसीलिए आप यात्रा करने से पहले अपने बजट को ध्यान में रखते हुए चलें और यात्रा का आनंद ले |
9- निष्कर्ष
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क एक अद्भुत अनुभव का गंतव्य है, जहाँ बाघों के दर्शन से लेकर वन्यजीव सफारी तक, हर पल रोमांचक होता है। यदि आप जानना चाहते हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कहां है तो यह उत्तराखंड के नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल जिलों में स्थित है, और यहाँ पहुँचने के
लिए कई सुविधाजनक विकल्प उपलब्ध हैं। यात्रा की योजना बनाते समय, बजट और रुचियों के अनुसार ठहरने और सफारी विकल्प चुनें। बर्ड वॉचिंग, ट्रेकिंग, और हाथी सफारी जैसी गतिविधियाँ
आपकी यात्रा को और भी खास बना देंगी। इस पार्क का सही अनुभव पाने के लिए, स्थानीय नियमों का पालन करना और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करना न भूलें।
Nice composion
Very nice information.
thanku
बहुत ही बढ़िया पोस्ट है अगर किसी को यंहा जाना है तो एक बार ज़रूर पढ़ लें ….
thanku so much