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Toggle1-परिचय
हल्द्वानी में घूमने की जगह के बारे में बताने से पहले में आज आपको अपने इस खूबसूरत शहर हल्द्वानी के बारे में जानकारी देने जा रहा हूं हल्द्वानी जो कि उत्तराखंड राज्य का दूसरा सबसे बड़ा
शहर है और और यह शहर उत्तराखंड का दूसरा बिजनेस हब शहर कहलाता है लोग इसको हल्द्वानी के नाम से जानते हैं इसको हल्द्वानी क्यों कहते हैं और इसका नाम हल्द्वानी क्यों पड़ा आज मै
आपको बताता हूँ यहाँ पर हल्दू के पेड़ अधिक मात्रा मै होते थे जिसका अर्थ होता है हल्दू के पेड़ वाली जमीन हल्दू एक प्रकार का पेड़ होता है जो अपने इस हल्द्वानी क्षेत्र के आसपास में बहुत बड़ी
मात्रा में पाया जाता है इस कारण से इस क्षेत्र का नाम हल्द्वानी पड़ गया |
2-इतिहास और निर्माण हल्द्वानी का
हल्द्वानी का इतिहास बहुत पुराना है यह क्षेत्र हमेशा कृषि और व्यापार के लिए प्रसिद्ध रहा था और इस क्षेत्र को कुमाऊं का सबसे बड़ा प्रवेश द्वार माना जाता है क्योंकि अधिकांश पहाड़ों को जितना
भी राशन अनाज और अन्य तरह की वस्तुएं जाती थी वह इसी स्थान के द्वारा पहाड़ों को भेजी जाती थी यहां पर लोगों की बस्तियां कब से बसी थी और कब से लोगों ने यहां पर बसना शुरू किया
इसके बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है लेकिन इसके सुंदर और शीतल जलवायु होने के कारण यह शहर हल्द्वानी में घूमने की जगह के रूप में जाने जाना लगा |
3-हल्द्वानी की स्थापना
हल्द्वानी की स्थापना में जॉर्ज विलियम ट्रेल का नाम सबसे ऊपर आता है जिन्होंने सन 1834 में इस शहर की स्थापना की थी जॉर्ज विलियम ट्रेल एक अंग्रेज अधिकारी थे जिन्होंने भारत में रहकर
प्रशासक की भूमिका निभाकर यहां की सेवा की उनका लगाव उत्तर भारत से खासकर रहता था और वह भी अपने उत्तराखंड क्षेत्र से उन्होंने यहां पर कई भारतीय उपमहाद्वीप में काम किया लेकिन
हल्द्वानी की स्थापना और यहां के क्षेत्र के विकास को उनका योगदान काफी मिला और लोग पहाड़ो से हल्द्वानी की तरफ आने लगे और हल्द्वानी में घूमने की जगह के बारे में जानकारी जुटाने लगे
की की कौन कौन सी जगह यहाँ पर घूमने योग्य है |
4- हल्द्वानी का गठन
5-कालू सिद्ध बाबा मंदिर
कालू सिद्ध बाबा का मंदिर उत्तराखंड राज्य के हल्द्वानी शहर में स्थित है यह मंदिर कालाढूंगी चौराहे के पास पर स्थित है जहां पर दिन भर में करीब हजारों श्रद्धालु दर्शन करके आगे को बढ़ जाते हैं
यह मंदिर ही नहीं बल्कि हल्द्वानी क्षेत्र की जनता का मुकुट है यह मंदिर पुरे हल्द्वानी क्षेत्र की रक्षा करता है इस मंदिर में गुड़ की भेली प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती हैजब भी कोई व्यक्ति इस मंदिर
में अपनी मनोकामना मांगता है और उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो इसके बाद वह इस मंदिर में गुड़ की भेली को चड़ाता है जिससे कि उसके सारे कार्य बन जाए और उसकी जो मनोकामना
होती है वह पूर्ण हो सके अपने हल्द्वानी शहर के वासी जितने भी लोग नई गाड़ी नया वाहन लेते हैं तब भी कालू सिद्ध बाबा के मंदिर पर जाकर गाड़ी की पूजा अर्चना करते हैं इस मंदिर में आपको
बड़ी-बड़ी घंटियां देखने को मिल जाएगी कहां जाता है कि इस मंदिर का अस्तित्व आजादी के पहले से ही है हल्द्वानी में घूमने की जगह के रूप में, यह मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों के लिए
खास आकर्षण है।आप यहां आकर अपनी मनोकामना मांग सकते हैं और हल्द्वानी के इस शक्तिशाली मंदिर में आस्था का अनुभव कर सकते हैं, जो पूरे हल्द्वानी की रक्षा करता है।आप इस मंदिर में घूम
कर यहां पर अपने लिए कुछ मांग सकते हैं और यह अपने हल्द्वानी शहर का एक बहुत बड़ा सिद्ध पीठ और शक्तिशाली मंदिर है जो अपने पूरे हल्द्वानी शहर की 24 घंटे रक्षा करता है
6-गौला नदी
गोला नदी हल्द्वानी उत्तराखंड की एक प्रमुख खूबसूरत और चलायमान नदी है यह नदी हिमालय की ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं से होते हुए रास्ते में अनेकों छोटी-मोटी नदियों के साथ मिलकर हल्द्वानी तक
आते-आते एक बड़ा रूप ले लेती है और गोला नदी कहलाती है इसकाउद्गम स्थल नैनीताल के पहाड़ पानी के समीप भिड़ापानी की एक छोटी सी घाटी से होता है या नदी जमरानी,पैटना,खजूरी,खनस्यूं,के
रास्तो से गुजरकर हैड़ाखान, पहुक जाती है हैड़ाखान में इस नदी मै एक और नदी का समावेश हो जाता है उस नदी का नाम है कलशगाड़ फिर यह नदी आगे बढ़ते हुए जमरानी के रास्ते रानीबाग
पहुंचती है और वहां पर अन्य नदियों का समावेश इस नदी में होता है और या गौला नदी कहलाती है गोला नदी को हिंदू धर्म में काफी महत्व के रूप में देखा गया है यह हमारे लिए नदी ही नहीं
यह हमारे लिए प्राण दायनी है|प्राण दाहिनी हम इसको इसलिए बोलते हैं क्योंकि यह हल्द्वानी के 4लाख लोगो की प्यास बुझाती है इस नदी के तट पर कई धार्मिक कार्य भी होते है इसके किनारे
कई प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थल भी हैं,जहां श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।स्थानीय लोग इसे अपनी संस्कृति और परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा मानते हैं।हर साल 14 जनवरी को यहाँ पर
मकर संक्रांति के मेले का आयोजन यहां पर किया जाता है उसमें बड़ी संख्या में अपने धर्म से संबंधित यहां पर कई बड़े कार्य होते हैं जिन्हें देखने लोग इस स्थान पर दूर-दूर से आते हैं हल्द्वानी
में घूमने की जगह के रूप में, गोला नदी का यह क्षेत्र सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और रानी बाग का रात का दृश्य तो मानो इसे पौराणिक इतिहास से जोड़ता है।
7- कालीचौड़ मंदिर
कालीचौड़ मंदिर उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी क्षेत्र में स्थित एक खूबसूरत और धार्मिक स्थल है यह मंदिर माता काली को समर्पित है इस मंदिर के चारों ओर घनघोर जंगल और
पेड़ है जो उसको एक शांत और खूबसूरत पर्यटक स्थल बनाते हैं इस मंदिर के बारे में मैं आपको जानकारी देने जा रहा हूं| कालीचौड़ मंदिर हल्द्वानी शहर से लगभग 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर
स्थित है यह मंदिर मुख्य शहर के मार्गो से काफी हटकर है और गोलापार क्षेत्र के जंगलों में स्थित है इस स्थान तक पहुंचने के लिए आपको एक लंबी पैदल यात्रा करनी होती है जो घने जंगलों के
बीच में से गुजरकर करनी होती है यह मंदिर मां काली को समर्पित है और जो हिंदू धर्म में शक्ति की देवी और नरसंहार की देवी मानी जाती है काफी श्रद्धालु यहां पर मां काली के दर्शन के लिए
दूर-दूर से आते हैं इस मंदिर में की गई पूजा अर्चना भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करती है नवरात्री के समय इस मंदिर में काफी भीड़ होती है जो इसे देखने लायक बनाती है कालीचौड़ मंदिर
का ऐतिहासिक महत्व भी काफी मायने रखता है कहा जाता है कि प्राचीन काल में यहां पर काफी साधु संतो ने तपस्या की थी और मां काली के आशीर्वाद से यह स्थान एक शक्तिपीठ के रूप में
प्रचलित हुआ जहां पर सभी भक्तों की समस्याओं का निवारण माँ काली करती है हल्द्वानी में घूमने की जगह के रूप में, कालीचौड़ मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है,बल्कि यहाँ की प्राकृतिक
सुंदरता और शांति इसे पर्यटकों के लिए भी एक विशेष स्थान बनाती है। जब भी आप हल्द्वानी की यात्रा करें, इस मंदिर में आकर मां काली का आशीर्वाद लेना न भूलें और यहाँ की पवित्रता का
अनुभव करें।इसलिए यह स्थान बहुत पवित्र और आस्था योग्य है आप जब भी मां काली के दर्शन करें तो अपने मनोकामनाएं की पूर्ति के लिए मन से आशीर्वाद जरूर मांगे |
8-शीतला माता मंदिर
यह मंदिर उत्तराखंड का एक धार्मिक और प्रसिद्ध मंदिर है मां शीतला देवी को समर्पित यह मंदिर काठगोदाम क्षेत्र में गोला नदी के किनारे पर बसा हुआ एक खूबसूरत शक्तिपीठ है शीतला देवी
को हिंदू धर्म में रोग नाशक देवी के रूप में जाना जाता है जिनकी पूजा करने से रोग शोक जो हमारे जीवन में लगे हैं इनसे मुक्ति मिलती है और हमारे जीवन में एक सुख समृद्धि की प्राप्ति
होती है शीतला माता मंदिर मुख्य शहर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित घने जंगलों और सौंदर्य से भरे प्राकृतिक स्थान पर माता का मंदिर है जहां पर भक्ति अपने को बड़ा सुकून और
शांति मां वातावरण में महसूस करते हैं यहां तक पहुंचाने के लिए आप अपनी गाड़ियों से जा सकते हैं और अत्यधिक ऊंचाई होने के कारण वहां पर गाड़ियों का पहुंचना बहुत ही मुश्किल
होता है हल्द्वानी में घूमने की जगह के रूप में शीतला देवी मंदिर एक धार्मिक स्थान है।यहाँ का प्राकृतिक वातावरण और आस्था का अनुभव इसे पर्यटकों और भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाता है।
9-सूर्या देवी मंदिर
मां सूर्य देवी का मंदिर हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र के करीब चोरगलिया नामक स्थान में स्थित है यह स्थान बहुत ही पवित्र और आध्यात्मिक स्थान है हजारों लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आते रहते
हैं जंगल में होने के कारण लोग इसको देखने ज्यादा ही आते हैं आज मैं आपको इस मंदिर के बारे में पूरी जानकारी बताऊंगा इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको हल्द्वानी से लगभग 20 से 22
किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है और यह यात्रा आप स्कूटर कार बस और अन्य वाहन के माध्यम से भी कर सकते हैं सूर्य देवी मंदिर का यहां के स्थानीय लोगों में काफी मान्यता है कहते
हैं कि सूर्य देवी मां से आपकी जो मनोकामना हो आप वो मांग सकते हो जिससे आपके घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है विशेष कर नवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में काफी भीड़ भाड़
देखने को मिल जाती है और भक्त लोग काफी दूर-दूर से यहां पर पूजा अर्चना के लिए आते हैं हल्द्वानी में घूमने की जगह के रूप में,सूर्य देवी का यह मंदिर धार्मिक आस्था के साथ-साथ प्राकृतिक
सुंदरता का भी प्रतीक है। यहां आकर न सिर्फ श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने की प्रार्थना करते हैं, बल्कि घूमने आये भक्त भी इसकी शांति और आध्यात्मिक वातावरण का आनंद उठाते हैं।
10-बेल बसानी
बेल बसानी,उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर का एक छोटा सा गाँव है,जो ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है।प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर इस गाँव की पहचान हैं पर्यटकों को
शांत और स्वच्छ वातावरण से आकर्षित करता है।बेल बसानी गाँव हल्द्वानी से 8 से 10 किमी की दूरी पर स्तिथ है।यहाँ तक निजी कार या टैक्सी से आसानी से पहुँचा जा सकता है,जिसमें अच्छी
सड़क सुविधा है।बेल बसानी गाँव में प्राकृतिक सुंदरता है। जब आप गाँव की सड़कों और रास्तों पर चलते हैं, तो आप हरे-भरे खेत, फलदार पेड़ों और सुंदर पहाड़ियों को देखेंगे। शहर की भागदौड़ से
दूर आने वाले लोगों के लिए यहाँ की ताजगी भरी हवा और शांत वातावरण एक अच्छा स्थान है, जहाँ वे शांति और सुकून का अनुभव कर सकते हैं। लेकिन जंगली जानवरों से सावधान रहे जंगल में
किसी भी प्रकार का कूड़ा करकट न करे ताकि हम अपने पर्यावरण को सही से रख सकेऔर जंगल का शांत वातावरण का कुदरती आनंद प्राप्त कर सके हल्द्वानी में घूमने की जगह के रूप में बेल
बसानी गाँव प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर को अनुभव करने का बेहतरीन स्थल है हालां कि,जंगल के आसपास का इलाका होने के कारण जंगली जानवरों से सावधान रहना चाहिए और
पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए कूड़ा-करकट न फैलाएं, ताकि इस प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद सभी ले सकें।
11-बावन डाट
52 डाट का अर्थ है कि इसमें 52 खंबे हैं जो इस नहर को सपोर्ट देते है इस नहर का निर्माण सन 1904 के आसपास अंग्रेजों ने कराया था और इस ऐतिहासिक नहर को देखने के लिए लोग दूर-दूर
से आते हैं इसी वजह से इसका नाम 52 डाट पड़ा लगभग 1 किलोमीटर लंबी यह नहर है जो हल्द्वानी के फतेहपुर वन क्षेत्र में स्थित है और ऐतिहासिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है जो की
देखने लायक है इसका निर्माण जमीन से तकरीबन 40 फुट की ऊंचाई पर करवाया था और इस नहर का खास उद्देश्य किसानों को फसलों की सिचाई के लिए पानी मिल सके आज भी यह नहर
एक धरोहर के रूप में अभी भी उस जगह पर कायम हैहल्द्वानी में घूमने की जगह के रूप में, 52 डाट नहर अपनी ऐतिहासिक महत्ता और अद्वितीय वास्तुकला के कारण पर्यटकों के बीच खासा
आकर्षण रखती है।आज भी यह नहर एक धरोहर के रूप में उस स्थान पर कायम है, और इसे देखकर हल्द्वानी के गौरवशाली अतीत को महसूस किया जा सकता है।
12-गौला बैराज काठगोदाम
गौला बैराज हल्द्वानी का एक खूबसूरत पर्यटक स्थान है जहा पर लोग घूमने के लिए आते है यह गोला नदी के तट पर स्थित है यह बैराज प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है यहां पर काफी पर्यटक
इसे देखने के लिए आते हैं यहां का माहौल बड़ा ही खूबसूरत और शांतिप्रिय होता है काफी लोग यहां पर बैठकर इसको अलग-अलग तरीके से निहारते हैं गौला बैराज का निर्माण सिंचाई विभाग के
द्वारा करवाया गया था इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी फसलों को पानी मिल सके और हल्द्वानी की जनता को पानी की आपूर्ति हो सके यह इसका मुख्य उद्देश्य था यह हल्द्वानी शहर से
10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोला नदी के किनारे पर है यहां तक आप ऑटो बस किसी भी साधन से पहुंच सकते हैं बैराज के चारों ओर काफी खूबसूरत पेड़ और ऊंचे ऊंचे पहाड़ हैं जो
इसको एक कुदरती और प्राकृतिक स्थल बनाते हैं यह गौला बैराज पानी के नियंत्रण को कंट्रोल में रखता है बाढ़ और तेज बारिश जब होती है तो इसके गेटों को खोल दिया जाता है और इसका
पानी आगे को छोड़ दिया जाता है काफी लोग यहां घूमते हैं फोटो खींचते हैं और पिकनिक मनाते हैं और अपना इंजॉय करते हैं आप भी यहां पर इंजॉय कीजिए प्रकृति का आनंद लीजिए लेकिन
किसी भी चीज के साथ छेड़ खानी ना करें और सावधानी रखे| हल्द्वानी में घूमने की जगह के रूप में गौला बैराज अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांतिप्रिय माहौल के कारण अच्छा खासा लोकप्रिय स्थान
है। अगर आप हल्द्वानी में हैं, तो यह स्थान आपके घूमने की सूची में जरूर शामिल होना चाहिए, जहां आप प्रकृति की खूबसूरती और शांति का आनंद ले सकते हैं।
13-हल्द्वानी कैसे पहुचे
सड़क मार्ग से भी हल्द्वानी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप बस,टैक्सी या निजी कार से यहाँ पहुंच सकते हैं। हल्द्वानी के लिए नियमित बस सेवाएं कई प्रमुख शहरों से चलती हैं।दिल्ली,देहरादून,नैनीताल से हल्द्वानी के लिए कई निजी और सरकारी बसें भी चलती हैं।
रेल मार्ग:
हल्द्वानी रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ा हुआ है और यहाँ से कई बड़े शहरों को ट्रेनें चलती हैं। हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर आप कार या टैक्सी ले सकते हैं। यहाँ से दिल्ली, काठगोदाम और अन्य शहरों के लिए नियमित ट्रेन सेवाएं उपलब्ध हैं।
स्थानीय परिवहन:
हल्द्वानी शहर में स्थानीय परिवहन के लिए ऑटो-रिक्शा, टैक्सी आपको हर समय उपलब्ध हो जाते है। आप इनका उपयोग करके शहर के विभिन्न हिस्सों और नज़दीकी पर्यटन स्थलों तक जा सकते हैं।
14-निष्कर्ष
आज मैं हल्द्वानी में घूमने की जगह के बारे में आपको बताऊंगा। हल्द्वानी, उत्तराखंड का दूसरा सबसे बड़ा शहर और राज्य का दूसरा व्यवसायिक हब है। जिसको हल्द्वानी के नाम से जाना जाता
है। हल्द्वानी में घूमने की जगह भी बहुत है जैसे आप यहाँ के धार्मिक स्थल शीतला माता मंदिर ,काली माता मंदिर,गौला नदी आदि स्थानों का भ्रमण कर सकते है कुल मिलाकर, हल्द्वानी में पर्यटन
के लिए बहुत कुछ है. यह शहर अपनी विशाल सांस्कृतिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है। इस जगह की यात्रा करने वालों के लिए एक हल्द्वानी देखने योग्य स्थान है।
बहुत बड़िया जानकारी से भरपूर
।
welcom
Interesting place 🥰