नैनीताल में कितने ताल हैं: रहस्यमय कहानियाँ

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परिचय नैनीताल में कितने ताल हैं

नैनीताल की सुन्दरता वहा की झील है अगर आप को जानना है की नैनीताल इतना सुंदर क्यों है तो इसके पीछे की कहानी बहुत पुरानी है सन 1941 में पी बैरंग  ने नैनीताल की खोज की थी

Nainital lake
Image credit-Photo by Supratik Deshmukh on Unsplash

तो नैनीताल की खोज करने का मुख्य कारण क्या है आपको पता है इसकी खोज इसलिए की गई क्यों की ब्रिटिश सरकार मै जो भी आजादी से पहले उच्च पदों में थे

उनके परिवार व बच्चे गर्मियों से बचने के लिए ऐसे स्थानों में जाये जहा पर उनको गर्मी ना लगे तब उन्होंने नैनीताल जैसे हिल स्टेशन की खोज की  समुन्द्र तल से 2084 मीटर की ऊंचाई पर बसा

घने देवदार के पेड़ो और  हिमालय की उच्च चोटियों मै बसा यह स्थान स्वर्ग से कम नहीं है यहाँ पर आपको मिलेगी सुंदर सी  झील और माँ नैना देवी का मंदिर जिसका आशीर्वाद सदा नैनीताल के उपर बना रहत है | नैनीताल में कितने ताल हैं

अक्सर बाहर से आने वाले पर्यटकों को इसकी जानकारी कम ही होती है या तो वे गाइड का सहारा लेते है या स्थानीय लोगो से जानकारी |

महत्वपूर्ण जानकारी :

 

आज हम आपको बतायेंगे की नैनीताल के अंदर कितनी झीले है एक समय था जब तरीबन 60 झीले हुआ करती थी लेकिन आज के परिद्रश्य को देखते हुआ अस्तित्व में सिर्फ 11 ह़ी झीले है उन्ही झीलों का वर्णन में यहाँ पर करने जा रहा  हूँ |नैनीताल को झीलों  को  झीलों वाला शहर भी कहा जाता है

1- नैनी झील

नैनीताल जो की चारो और से सात पहाडियों से घिरा है इन खूबसूरत पहाडियों का नाम है देवपाटा, हांडी बांडी, चाइना पीक, आल्मा पीक , लड़िया कांटा, शेर का डांडा, अयारपाटा ,

आम के आकर की दिखायी देने वाली झील की लम्बाई 1,432 मी और चौड़ाई 457 मी और गहराई है 27.3 मी॰और सतही क्षेत्रफल 48.76 हे॰ इतना है नैनीताल शहर के बीचो बीच में स्तिथ ये सुंदर सी झील

हर पर्यटक को यहाँ पर रुकने को मजबूर कर देती है इसको देखकर यात्रिओं को रोमांच आने लगता है पर्यटक इसमे बोटिंग का मजा लेते है और झील के किनारे बैठकर इसको घंटो निहारते रहते है

2-भीमताल

नैनीताल झील नैनीताल से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है समुन्द्र तल से यह झील 1370 मीटर की ऊंचाई पर है दरअसल भीमताल झील को 1883 में ब्रिटिश सरकार के द्वारा बनाया गया था| बनाने का मुख्य उद्देश्य यह था

bhimtal lake
image credit-Photo by Fatima Hasan on Unsplash

की इससे आस पास के गावो वालो को पानी की आपूर्ति और शहरी क्षेत्रो में रहने खेती करने वाले किसानो को पानी बराबर मिल सके और पैदावार अच्छी हो सके इस झील के बीचो बीच में एक टापू भी है 150 मीटर लम्बा ,और 14 मीटर ऊँचा इस बांध में 12 गेट है

हर साल पर्यटक यहाँ  भी घूमने आते है भीमताल झील का नाम  महाभारत के पात्र भीम के नाम पर भीमताल झील का नाम रखा गया है। माना जाता है कि इस झील को भीम ने ही खोदा  था, इसलिए इसका नाम भीमताल पड़ा।

3-हरीशताल

नैनीताल मै कितने ताल है आज आपको बताते है तीसरे तल के बारे में हरीशताल  नैनीताल के ओखलकांडा ब्लॉक में स्थित है यहाँ खूबसूरत सी झील और पूरी तरह से  अछूती है।

ये झील जहा पर है उस जगह पर पर्यटन  अच्छी तरह से नहीं जुड़ पाया है , इसलिए बहुत कम लोग इस झील के बारे में जानते है और यहाँ आते है ।

हरीशताल तक पहुचने का मार्ग भी अच्छा नहीं है | फिर भी अगर आप यहाँ आते है तो आप को यहाँ के नज़ारे मदहोश कर देंगे| और आपकी यात्रा एक सुखद व आनंदमयी हो जाएगी |

4-सातताल

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित सातताल झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण  के लिए प्रसिद्ध है। इस झील में सात ताल या झीलें मिलकर बनी है ,

इसलिए इसका नाम ‘सातताल’ झील पड़ा है। यह झील लगभग 1370 मीटर की ऊँचाई पर है। सातताल झील एक आदर्श स्थान है जो यात्री यहाँ आकर प्रकृति  का  आनंद उठाना चाहते है

उनके लिए यह स्थान बहुत सुंदर है | क्यों की यहाँ का शांत वातावरण और चिडयो की चहचहाअट आपको मंत्र मुग्ध मर देगी | यहाँ आप बोटिंग करके आसपास की सुंदर सी  पहाड़ियों का आनंद ले सकते हैं। झील के आसपास छोटे गांव भी हैं,

जो स्थानीय लोगों की संस्कृति और जीवनशैली को जानने का एक अच्छा मौका देते हैं। सातताल जाना पर्यटकों को एक  यादगार अनुभव से जोड़ता है ।

5 -सरियाताल

सरियाताल, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक सुंदर झील है, लेकिन बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं। यह झील भवाली और भीमताल के बीच में है, नैनीताल से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर यह झील है |

अगर आप इसे अच्छी तरह से देखगे तो यहाँ हमारे दिल के आकर का दिखाई देता है सरियाताल एक छोटी सी झील है | आप यहाँ पर बोटिंग का आनंद भी ले सकते है |

सरियाताल तक पहुंचने के लिए आप कार या टैक्सी ले सकते हैं। यहाँ से नैनीताल की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है, और सड़क से जाना आसान है।

6-नौकुचियाताल

भीमताल से करीब 6 किमी दूर नौकुचियाताल नौ कोनों की झील के रूप में प्रसिद्ध है। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित नौकुचियाताल झील अपने सुंदर दृश्यों और शांत

नैनीताल में कितने ताल हैं
Image credit-Photo by Prasad Nayak on Unsplash

वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यह झील नैनीताल से लगभग २६ किलोमीटर की दूरी पर है और नैनीताल के अन्य झीलों की तुलना में बहुत छोटी है।

नौकुचियाताल के आसपास भवाली और भीमताल भी हैं, जो जो अपने आप में पहाड़ी हिल स्टेशन है जो आपकी यात्रा को और भी रोचक बना सकते हैं।

7- नल दमयंती ताल

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्तिथ खूबसूरत नल दमयंती ताल है। यह झील भवाली और भीमताल के बीच, नैनीताल से  लगभग ४५ किलोमीटर की दूरी पर है ।

Nal damiyanti lake
Image credit-Google cc

नल दमयंती ताल का आकर्षक वातावरण इसे एक अनोखा पर्यटन स्थल बनाता है। कहते है की महाभारत काल में नल और दमयंती की प्रेम प्रसंग की कहानी से इस ताल का नाम लिय गया है ।

जो इस झील से सम्बंधित है और इसकी सुंदरता और ख़ूबसूरती हमें उसी का अहसास कराती है |

8-परी ताल

परी तालपरी का नाम दो शब्दों से आता है: “परी”, जिसका अर्थ है “परी” या “फेयरी”, और “ताल”, जिसका अर्थ है “झील”। झील पारियों की कहानी से जुड़ी हुई है,

जिसके बारे में कई लोककथाएँ और कहानियाँ हैं। जब आप भीमताल से मुक्तेश्वर की और को जाते है रास्ते में एक गाव पड़ता है जिसका नाम है चाफी  यहाँ से 3 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद आप पहुचते है

परियो की रानी के पास जहा पर परिया चांदनी  रात में स्नान करने आती है जब आप यहाँ पर जाते है तो 3 किलोमीटर का पैदल सफ़र आप को करना पड़ता है इस सफ़र को पार  करने में आप को 2 नदिया भी मिलेगी जिनको पार करने के बाद आप उस स्थान तक पहुचते है |

9-लोहाखाम ताल

लोहाखाम ताल  नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लाक मै स्थित है  यह ताल शांत वादियो के बीच में स्तिथ और शहर के कोलाहल से बहुत दूर है यहाँ पर लोहाखाम  देवता का मंदिर भी है जिसे स्थनीय

लोग बड़ी आस्था और मन्नत के साथ मानते है  लोग कहते है की जिसने गंगा जी हरिद्वार में स्नान नहीं कर पाया अगर वो यहाँ आकार स्नान कर ले तो इसकी मान्यता गंगा जी से भी ज्यादा है ऐसा लोग

बताते है |बैशाखी पूर्णिमा के दिन यहाँ पर मेले का आयोजन होता है मेले में कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होते है जिसमे झोडा ,चाचरी ,और स्थनीय लोक संगीत शामिल होते है |

जब मेला समाप्त होता है तो दूसरे दिन लोहाखाम के पवित्र ताल में स्नान किया जाता है | जिसमे भक्त लोग दूर दूर से स्नान करने आते है | 

10- सूखाताल सूखाताल

जैसा की आपको इसके नाम से ही  पता चल रहा होगा की सूखा ताल क्यों की यह ताल अधिकांश समय सूखा ही रहता है बरसात के दिनों  में पानी गिरने के कारण  यह ताल भर जाता है|

नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र से 800 मीटर की दूरी पर  स्तिथ है, क्योंकि यहाँ की जमीन एक बार सूखा पड़ी थी और इसके निर्माण से ताल का निर्माण हुआ था।

चारों ओर हरे-भरे पहाड़ों से घिरा हुआ यह ताल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहाँ की शांत और ताजगी भरा माहोल  पर्यटकों को अपनी और  आकर्षित करता है।

11-खुर्पाताल झील

खुर्पाताल  झील इस झील का नाम खुर्पाताल इसलिए पड़ा  है  क्यों की इसकी आकृति घोड़े के खुर के समान  है इसलिए इसका नाम खुर्पाताल पड़ा |

ये झील नैनीताल से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है कोई इसे रंग बदलने वाली झील भी कहता है | चारो और से देवदार और चीड के वृक्षों से घिरी यह झील बहुत ही सुंदर दिखायी देती है |

पर्यटक यहाँ पर कम ही पहुच पाते है जानकारी के अभाव  के कारण प्राकतिक छठा बहुत ही खूबसूरत है

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