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Toggle1-परिचय
साइलेंट वैली कहां है काफी पर्यटक ये सवाल पूछते है आज हम आपको बतायेंगे की साइलेंट वैली भारत का एक मुख्य राष्ट्रीय पार्क है जो केरल राज्य में स्थित है यह केरल की पलक्कड़ जिले में
नीलगिरी पर्वत माला का पश्चिमी घाट का किनारा है|यह क्षेत्र लगभग 89 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यहां पर जैव विविधता के संरक्षण के लिए यह स्थान काफी ज्यादा प्रसिद्ध है साइलेंट
वैली अपने दुर्लभ वन्य जीव और हरी भरी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है इस जगह का नाम साइलेंट वैली क्यों कहते हैं क्योंकि यहां पर सीकर जिसको हम झींगुर भी
बोलते हैं उसकी आवाज़ तक सुनाई नहीं देती थी|इस कारण से इस जगह का नाम साइलेंट वैली पड़ा 1984 में इस जगह को नेशनल पार्क घोषित कर दिया गया था| और भारतीय पर्यावरण संरक्षण में
यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है साइलेंट वैली में आपको बहुत सारे दुर्लभ जानवर दिखायी देते है जिनमे शेर की पूंछ वाले मकाक, नीलगिरी तहर, और मालाबार जायंट गिलहरी ये सब
दिखायी देते है|इस घने जंगल में ट्रैकिंग करना प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है यहां का वातावरण पूरे साल भर काफी खूबसूरत रहता है और नवंबर से मार्च के बीच यहां पर लोग काफी पर्यटक घूमने आते हैं|
2-साइलेंट वैली कहां है
साइलेंट वैली कहां है अधिकतर पर्यटक यह जानने की कोशिश करते हैं तो इसका सीधा उत्तर है साइलेंट वैली केरल राज्य में स्थित है और यह केरल के पलक्कड़ जिले में स्थित है यह साइलेंट
वैली अपने शांत वातावरण और घना जंगल और हरियाली के लिए प्रसिद्ध है 1984 में इसको राष्ट्रीय पार्क घोषित कर दिया गया था यहां पर आपको हर तरफ से शांति का वातावरण मिलता है और
यहां की जो जैव विविधता है वह बिल्कुल ही अनोखी है साइलेंट वैली प्रकृति प्रेमियों के लिए एक वरदान है जो लोग शांति की तलाश और सुकून में अपना समय व्यतीत करना चाहते हैं उनके लिए
यह स्थान बहुत अच्छा है इस साइलेंट वैली में आपको बहुत सारे जानवर भी देखने को मिलते हैं शांति और स्वच्छ वातावरण के कारण प्रकृति ने इसको साइलेंट वैली के नाम से स्थापित किया|
3-साइलेंट वैली का इतिहास
साइलेंट वैली का इतिहास जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा हुआ है।पलक्कड़ जिला जो की भारत के केरल राज्य में स्थित है। अगर आप सोच रहे हैं कि साइलेंट वैली कहां है, तो हम
आपको जानकारी देते है की यह नीलगिरी पर्वतमाला के पश्चिमी हिस्से का एक बहुत सुंदर हिस्सा है।सन 1970 के दशक,में साइलेंट वैली पर जलविद्युत परियोजना बनाने की योजना बनाई गई थी,तो
इस क्षेत्र को नेशनल पार्क बनाने पर विचार शुरू होने लगा।यह परियोजना कुंतीपुझा नदी पर बनाई जानी थी,लेकिन इससे इस क्षेत्र की जैव विविधता और पर्यावरण को खतरा हुआ। इसके खिलाफ
स्थानीय लोगो ने और पर्यावरणविदों ने आंदोलन शुरू किया। और पूरा आन्दोलन विश्वव्यापी बन गया| तब जाकर सन 1984 में इसे राष्ट्रीय पार्क का दर्जा मिल गया।साइलेंट वैली का नाम इसलिए पड़ा
क्योंकि यहां सिकाड़ा (झींगुर) तक की आवाज नहीं सुनाई देती है| साइलेंट वैली,में बहुत सारी जहां दुर्लभ वनस्पतियां और जीव-जंतु पाए जाते हैं, जो जैव विविधता को संरक्षण प्रदान करते है। यह
जगह न केवल एक राष्ट्रीय पार्क है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरणा का आदर्श स्थान है।
4- साइलेंट वैली में क्या करें
साइलेंट वैली केरल की पलक्कड़ जिले में स्थित है और यह प्रकृति प्रेमियों और एडवेंचर के शौकीनों के लिए बहुत सुंदर स्थान है यदि आप जानना चाहते हैं कि साइलेंट वैली कहां है तो हम आपको
बताते हैं यह नीलगिरी पर्वत मालाओं के पश्चिमी छोर का एक हिस्सा है जहां पर आप रोमांचक और शांतिपूर्ण गतिविधियों का बहुत सुंदर तरीकों से आनंद प्राप्त कर सकते हैं
जंगल सफारी:
साइलेंट वैली में जंगल सफारी करने का अनुभव बहुत ही अद्भुत है। यहां के घने जंगलों में आप कुछ दुर्लभ पक्षियों को देख सकते हैं। यहां आप शेर की पूंछ वाले मकाक और मालाबार जायंट गिलहरी जैसे विशिष्ट जीवों जन्तुओ को देख सकते हैं।
ट्रैकिंग:
प्रकृति की सुंदरता को करीब से देखने के लिए यहाँ के ट्रैकिंग बहुत बेहतरीन जगह हैं। कुंतीपुझा नदी के किनारे चलना और यहाँ के रोमांचक नजारों को देखना एक अद्भुत अनुभव है।
फोटोग्राफी:
फोटोग्राफी के लिए एक आदर्श स्थान है। यहां के मुख्य आकर्षण घने जंगल, नदी और पहाड़जहा फोटोग्राफी करना एक सुखद अहसास का आनंद है|
बर्ड वॉचिंग:
साइलेंट वैली पक्षियों के लिए एक आदर्श स्थान है। यहां दुर्लभ पक्षियों की कई प्रजातियां देखना बहुत ही रोमांचक है।
5-साइलेंट वैली कैसे पहुंचे
अगर आप सोच रहे हैं कि साइलेंट वैली कहां है और साइलेंट वैली कैसे पहुंचे तो आज हम आपको बताते हैं इस खूबसूरत से जगह तक पहुंचाने के लिए आपको सड़क रेल और वायु मार्ग का उपयोग कैसे किया जा सकता है
हवाई मार्ग:
साइलेंट वैली पहुंचने के लिए अगर आप हवाई मार्ग का उपयोग करना चाहते हैं तो कोयंबटूर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा सबसे नजदीक है जो 117 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कोयंबटूर से साइलेंट वैली तक आप बस या टैक्सी से भी आसानी से जा सकते हैं दूसरा माध्यम कोझिकोड हवाई अड्डा है और यह लगभग 155 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|
रेल मार्ग:
साइलेंट वैली के सबसे नजदीक का जो रेलवे स्टेशन है वह पलक्कड़ रेलवे स्टेशन है जो लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पलक्कड़ से अगर आप साइलेंट वैली तक पहुंचना चाहते हैं तो आप टैक्सी या लोकल बस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं और रेलवे स्टेशन से नेशनल पार्क तक की दूरी आपकी दो से तीन घंटे के सफर में पूरी होजाती है
सड़क मार्ग:
अगर आप साइलेंट वैली सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो आप पलक्कड़ और मन्नारकाड साइलेंट वैली के नजदीक के 2 बड़े शहर है मन्नारकाड से साइलेंट वैली की दूरी लगभग 32 किलोमीटर की है और आपके यहां से सीधे बसें उपलब्ध हो जाती है साथ ही आप टैक्सी या अपना पर्सनल वाहन भी सेलेक्ट कर सकते हैं केरल और तमिलनाडु के अन्य प्रमुख शहर से साइलेंट वैली तक पहुंचने के लिए सड़क कनेक्टिविटी काफी अच्छी है जो आपको किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने देती है
6-साइलेंट वैली जाने का सही समय
साइलेंट वैली कहां है और यहां जाने का सही समय क्या है अधिकतर यात्री लोग इस बारे में जानकारी चाहते हैं तो मैं आपको जानकारी दूंगा कि साइलेंट वैली एक राष्ट्रीय उद्यान पार्क है अगर
आप यहां जाना चाहते हैं तो अक्टूबर से मार्च के बीच सबसे बढ़िया समय होता है क्योंकि इस दौरान मौसम भी काफी सुहावना और ठंडा रहता है जो पर्यटकों को काफी आकर्षक लगता है क्योंकि
उस समय यात्री अपने परिवार अपने बच्चों के साथ इन जगहों की यात्रा करना बहुत पसंद करते है साइलेंट वैली में आप वन्य जीव जन्तुओ को देख सकते हैं मानसून के दौरान यह क्षेत्र काफी हरा भरा
हो जाता है लेकिन बारिश यात्रा को आपके प्रभावित कर सकती है इसलिए गर्मियों के मौसम में तापमान बढ़ जाता है अब यह डिपेंड आप पर करता है कि आप इस जगह की यात्रा आप किस
मौसम में करें साइलेंट वैली जैव विविधता और यहां के शांत माहौल के कारण बहुत खूबसूरत है इसलिए इस जगह का अनुभव आप सर्दियों में ही ले तो बहुत ही बढ़िया|
7-पर्यावरण संरक्षण और साइलेंट वैली
साइलेंट वैली राष्ट्रीय उद्यान केरल के पलक्कड़ जिले में स्थित है यह अपनी खूबसूरती और जैव विविधता और अपने शांत माहौल के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है अगर आप सोचते हैं कि साइलेंट
वैली कहां है तो आपको बताते है कि यह केरल के पश्चिमी घाट में बसा हुआ एक खूबसूरत हरा-भरा पर्यावरण का शानदार क्षेत्र है यहां पर दुर्लभ जीव जंतु और विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां पाई
जाती हैं सन 1980 के दशक में साइलेंट वैली पर बांध बनाने की परियोजना की शुरुआत हुई लेकिन इसके लिए यहां के स्थानीय लोगों ने यहां पर काफी बड़ा आंदोलन किया इसके बाद इस क्षेत्र को
राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया पर्यावरण प्रेमियों और पर्यावरण शोधकर्ताओं के लिए यह स्थान बेहतरीन जगह है जहां आप प्रकृति के सबसे नजदीक रहकर अपना कार्य कर सकते हैं|
8-साइलेंट वैली के आस-पास के आकर्षण
नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व:
नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व भारत के तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक राज्यों में है। सन 1986 में यूनेस्को ने भारत का पहला बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया था।और यह रिजर्व क्षेत्र लगभग 5,520
वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है|यहाँ पर आपको दुर्लभ जीव जीव जंतु और काफी सारी वनस्पतिया दिखायी देती है|नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व में कई महत्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र हैं, जैसे बांदीपुर नेशनल
पार्क, साइलेंट वैली नेशनल पार्क और मुदुमलाई टाइगर रिजर्व। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
अट्टापडी हिल्स:
पलक्कड़ जिला, केरल में अट्टापडी हिल्स एक सुंदर हिल स्टेशन है जो साइलेंट वैली राष्ट्रीय उद्यान के निकट है। यह क्षेत्र अपनी आदिवासी संस्कृति, हरियाली और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।साइलेंट वैली कहां है जानने वाले लोग अक्सर अट्टापडी हिल्स भी देखते हैं।
मन्नार:
यह स्थान चाय के बागानों और ठंडी जलवायु के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्ध।
9-निष्कर्ष
साइलेंट वैली कहां है, इसका उत्तर है केरल राज्य में यह खूबसूरत पार्क है यह जगह प्रकृति प्रेमियों और साहसिक पर्यटकों के लिए एक अद्भुत स्थान है। यह स्थान अपनी जैव विविधता, शांत और
पर्यावरण संरक्षण का एक उत्कृष्ट केन्द्र है। साइलेंट वैली आपकी अगली यात्रा के लिए एक अच्छा स्थान हो सकता है अगर आप भी प्रकृति के साथ आनंद का अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं।
Very nice
thanku
बहुत सुन्दर लेख
thanku
Nice place 👌