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Toggle1-परिचय
श्रीनगर की स्थापना कब हुई थी इसकी जानकारी का इतिहास बहुत पुराना है इस तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व सम्राट अशोक ने स्थापित किया था ऐसा कहा जाता है की यह उस समय के महान शासक
के रूप में प्रचलित थे उस समय लोग इसे सरनगर या श्रीनगर के नाम से जानते थे जिसका अर्थ होता है देवताओं का शहर सम्राट अशोक ने श्रीनगर की स्थापना के बाद यहां पर बौद्ध धर्म का
प्रचार किया था और उन्होंने इस क्षेत्र में कई बौद्ध स्तूपों का निर्माण भी करवाया ताकि वह एक धार्मिक और संस्कृत क्षेत्र के रूप में इसको विकसित कर सके बाद में श्रीनगर की स्थापना में हिंदू
शाही वंश के राजाओं का भी काफी योगदान रहा उन्होंने भी श्रीनगर को बहुत ज्यादा विकसित करने में अपना योगदान दिया|
2- कश्मीर के सुल्तानों के शासन में श्रीनगर का विकास
श्रीनगर की स्थापना कब हुई इसके बारे में हम आपको बताते हैं और इसके ऐतिहासिक महत्व की जानकारी भी आपको बताएंगे श्रीनगर की स्थापना का इतिहास सदियों पुराना है इसकी बुनियाद
महाराजा सम्राट अशोक ने रखी थी|उस समय श्रीनगर को सूर्यनगर के नाम से जाना जाता था| जिसका अर्थ देवताओं का शहर होता है अशोक के शासनकाल के दौरान उन्होंने यहां पर बौद्ध धर्म का बहुत
ज्यादा मात्रा में प्रचार किया क्योंकि उस समय उन्होंने बौद्ध स्तंभों का और यहां पर उनके धर्म से सम्बंधित चीजो का निर्माण करवाया कहा जाता है कि चौथी और पांचवी शताब्दी में कुषाण वंश
और हिंदू शाही वंश के राजाओं का श्रीनगर को विकसित और विकास में पहुँचाने में इनका काफी योगदान रहा है उसके बाद 14वीं शताब्दी में मुस्लिम सुल्तान शाह मीर ने कश्मीर पर अपना अधिकार
प्राप्त कर लिया और फिर कश्मीर को शाह मीर ने अपनी राजधानी बनाया और इस समय श्रीनगर की जो संस्कृति और वहां की सामाजिक कार्य प्रणालियों थी वह उभर कर सामने आने लगी और वहां पर
इस्लामी संस्कृति प्रभाव दिखने लग गया जिसके कारण वहा पर कई मस्जिदों और मकबरों का निर्माण शुरू होने लगा जो आज भी श्रीनगर की पहचान में शामिल है|
3-श्रीनगर का सुनहरा दौर
श्रीनगर की स्थापना कब हुई यह जानना इसके ऐतिहासिक महत्व को बखूबी तरीके से दर्शाता है| दरअसल श्रीनगर का सबसे सुनहरा दौर मुगल शासन काल के दौरान ही आया जब 16वीं और 17वीं
शताब्दी के दौरान मुगल बादशाह अकबर ने पूरे कश्मीर को अपने साम्राज्य का हिस्सा बना लिया तब यह शहर अपनी एक अलग पहचान बनाने लग गया|अकबर और उसके बाद के मुगल शासकों ने इस
श्रीनगर शहर को अपनी इसे ग्रीष्मकाल की राजधानी के रूप में स्थापित कर दिया| और उसे बाद जहांगीर और शाहजहां के शासनकाल के दौरान इन्होंने शहर में कई शानदार गार्डन का निर्माण
करवाया जिसमें मुगल गार्डन शालीमार बाग,निशांत बाग और चश्मे शाही का इन्होंने उस दौर में निर्माण करवाएं | जो श्रीनगर की पहचान बन गई |श्रीनगर की स्थापना कब हुई यह जानकारी रखते
हुए हम इसके मुगल प्रभाव को अच्छी तरह से समझ सकते हैं जो आज भी इन बाग बगीचों में झलकती है क्योंकि यह बाग इतने खूबसूरत हैं कि जो भी यात्री या पर्यटक इन बागों को देखता है
बस वह इनको देखते ही रह जाता है जिससे कि श्रीनगर की संस्कृति का ऐतिहासिक प्रभाव अपने आप दिखायी देता है|
4-डोगरा शासन और आधुनिक श्रीनगर का विकास
19वीं सदी के अंत में, जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का बर्चस्व बढ़ने लगा तब , डोगरा वंश के शाशको ने कश्मीर पर अपना अधिकार करना शुरु कर दिया। श्रीनगर की स्थापना कब हुई और
इसका ऐतिहासिक महत्व जानते हुए, महाराजा गुलाब सिंह ने इसे कश्मीर की अपनी स्थायी राजधानी बनाया। श्रीनगर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व डोगरा शासन के दौरान और भी बढ़ गया,जब कई
मंदिरों का निर्माण हुआ। डोगरा शासन काल के दौरान यहां पर यातायात व्यवस्था और संचार व्यवस्था और पर्यटकों के लिए नए टूरिस्ट स्थान को बनाने का बहुत अच्छे निर्माण कार्य हुए जो आज
भी इस खूबसूरत श्रीनगर शहर के विकास कार्य में बहुत ज्यादा सार्थक है|
5-भारत की स्वतंत्रता के बाद श्रीनगर की विशेषता
भारत की स्वतंत्रता के बाद श्रीनगर ने अपने आप को बहुत संभाला और सवारा श्रीनगर को जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में विकसित किया |श्रीनगर की स्थापना कब हुई यह एक
ऐतिहासिक प्रश्न है और इसी के महत्व को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्रता के बाद इसको एक विशेष स्थान प्राप्त हुआ यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और यहां की घाटियाँ यहां के पेड़ पौधे यहां के गार्डन
यहां की झील यहां का कल्चर इसको धार्मिक होने के साथ-साथ निराला भी बनाता हैं| श्रीनगर की जो खूबसूरत और विश्व प्रसिद्ध डल झील है उसमें जब शिकारा नाव और हाउस बोट और कमल के
फूल खिलते हैं तो मानो पूरे शहर में चार चांद लग जाते हैं क्योंकि यह मंजर देखने में इतना खूबसूरत लगता है कि पर्यटक इस शहर में अपने आप को दोबारा आने से नहीं रोक सकता है डल
झील के ही किनारे स्थित शालीमार गार्डन और मुगल बाग जैसे खूबसूरत और ऐतिहासिक बाग अपनी संस्कृति और अपनी धरोहर और अपने ऐतिहासिक काल का प्रदर्शन करते हैं इन उद्यानों का निर्माण
उस समय के मुगल बादशाहों ने कराया था स्वतंत्रता के बाद भी यह स्थान पर्यटकों के लिए खूबसूरती का केंद्र बने थे और आज भी बने हैं हर साल लाखों की संख्या में यहां पर्यटक श्रीनगर
को देखने आते हैं श्रीनगर की सुंदरता यहां की धार्मिक विविधता यहां का कल्चर इसको एक अनोखा शहर बनता है श्रीनगर की स्थापना कब हुई इस प्रश्न का उत्तर वर्षों पुराना है और आज भी
यह शहर अपने वर्तमान समय में उतना ही अच्छा खासा लोकप्रिय है जितना उस समय रहा होगा|
6-श्रीनगर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
श्रीनगर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व इसको एक खूबसूरत और अनोखा स्थान बनाते हैं यह शहर न केवल कश्मीर का ही प्रशासन केंद्र रहा है बल्कि विभिन्न धर्म और संस्कृतियों का यहां पर
संगम आपको देखने को मिलता है श्रीनगर की स्थापना कब हुई यह सवाल भी इतिहास में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि इसका धार्मिक और सांस्कृतिक विकास सदियों से चला आ रहा है
श्रीनगर में कई प्राचीन मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे यहां पर स्थित है| यहां का हजरतबल दरगाह इस्लामी श्रद्धालुओं के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान रखता है जहां पर पैगंबर मोहम्मद का
पवित्र अवशेष रखा गया है | यह स्थान न केवल आध्यात्मिक महत्व ही नहीं रखता है बल्कि लाखों पर्यटकों को अपनी संस्कृति ,धार्मिकता से अपनी और आकर्षित करता है|यहां पर आपको श्री
शंकराचार्य मंदिर जो कि हिन्दुओ का एक प्रमुख तीर्थ स्थान है |इस क्षेत्र में देखने को मिल जाएगा जो इस क्षेत्र की धार्मिक और संस्कृति को प्रदर्शित करता है इस मंदिर का वास्तु शास्त्र बहुत प्राचीन
और अद्भुत है| इस मंदिर को देखने के लिए हर साल यहां पर काफी ज्यादा लोग आते हैं श्रीनगर की संस्कृति और यहां की धरोहर बहुत ही अच्छी है| श्रीनगर का खानपान और यहां का लोकल
हस्तशिल्प कला पूरे विश्व विख्यात है| यहां का वाजवान भोजन और यहाँ के त्योहारों जैसे कि सूर्य देवता की पूजा इस क्षेत्र को आध्यात्म से जोड़ती है|
7-डल झील और शिकारे: श्रीनगर की एक अनोखी विशेषता
श्रीनगर की सुंदरता में यहां की डल झील का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह श्रीनगर की आंख कहलाती है यहां की संस्कृति और यहां की जीवन शैली इसके प्राकृतिक सौंदर्य की गहराइयों
से जुड़ी हुई है डल झील का बहुत दिलचस्प इतिहास रहा है श्रीनगर की स्थापना कब हुई अक्सर इस प्रश्न को पूछा जाता है और डल झील की खूबसूरती यहां पर चलने वाली विशेष प्रकार की
नावे हैं झील के शांत जल में बैठकर आदमी इसका आनंद लेता है और शिकारा की सैर करता है तब पर्यटक इसके आसपास को दृश्य को देखकर मंत्र मुग्ध हो जाते हैं झील पर यात्रा करते समय
काफी पर्यटक विभिन्न प्रकार के फूल पत्तियों से सजे इन नावों को देखकर बड़ा रोमांचित महसूस करते हैं डल झील पर कई घरबोट भी हैं, जो पर्यटकों को अद्भुत अनुभव देते हैं।इस यात्रा का एक
और हिस्सा स्थानीय संस्कृति, कला और कश्मीरी भोजन का आनंद लेना है।डल झील का यह अद्भुत स्थान आज भी श्रीनगर की सांस्कृतिक पहचान है। यह शहर की शुरुआत से ही एक महत्वपूर्ण स्थान
रखता है। इसलिए, डल झील और शिकारे श्रीनगर की सांस्कृतिक धरोहर हैं और इसकी खूबसूरती को बढ़ाते हैं।
8-श्रीनगर का हस्तशिल्प और कला
श्रीनगर की स्थापना कब हुई यह जानना जितना महत्वपूर्ण है, उतनी ही अनूठी यहां की हस्तशिल्प कला है। श्रीनगर की कला का कोई सानी नहीं है, और यहाँ के लोग पीढ़ियों से इस काम को
करते आ रहे हैं। यहां की कलाकारी, जिसमें कश्मीरी शॉल, कश्मीरी कालीन, और लकड़ी की नक्काशियां शामिल हैं,अपनी संस्कृति की झलक को प्रकट करती हैं। यहाँ के लोग इन कलाओं में
बेहद निपुण हैं, और उनका यह व्यवसाय आज भी श्रीनगर की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।कश्मीरी कढ़ाई और पेपर माचे का कार्य भी यहाँ बहुत ही अच्छे तरीके से किया जाता है। यही
सब मिलकर श्रीनगर को एक अनोखा सांस्कृतिक और धार्मिक स्थान बनाते हैं, जो कला प्रेमियों के लिए एक अनमोल धरोहर के रूप में है।
9-श्रीनगर का खानपान और स्थानीय संस्कृति
श्रीनगर की स्थापना कब हुई यह जनना हमारे लिए अति आवश्यक है क्योंकि श्रीनगर की स्थापना के साथ-साथ इस शहर का खानपान और यहां की भोजन व्यवस्था भी अपने आप में लाजवाब
है कश्मीरी भोजन वाजवान ,कहवा और रोगन जोश जैसे खान-पान यहां की संस्कृति का अभिन्न अंग है यहां के स्थानीय व्यंजनों की शुद्धता और पारंपरिक स्वाद का आप अंदाज भी नहीं रख सकते जो
आपको अन्य शहरों की तुलना में सबसे अलग दिखता है| और साथ ही कश्मीर की स्थानीय संस्कृति और त्योहारों को जानने और समझने का मौका देता है ईद,शिवरात्रि ,समाज की सांस्कृतिक विविधता को यहाँ पर प्रदर्शित करते हैं|
10 -श्रीनगर का पर्यटन में विशेष योगदान
पर्यटन की दृष्टि से अगर देखा जाए तो श्रीनगर का योगदान इसमें बहुत ज्यादा है यह भारत के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक है साल भर यहां पर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है|
सर्दियों में ज्यादा बर्फ गिरने के कारण यहाँ की पहाड़ियां पूरी सफेद हो जाती हैं और खेल प्रेमियों के लिए जो बर्फ में खेल होते है उनके लिए यह समय बिल्कुल अनुकूल है साथ ही ट्रैकिंग का
लुत्फ भी उठा सकते हैं लेकिन गर्मियों में इस शहर की शोभा बिल्कुल देखने लायक बन जाती है यहां का प्राकृतिक सौंदर्य अपने आप में अनोखा दिखाई देता है श्रीनगर का पर्यटन केवल यहां की
खूबसूरती के कारण ही बरकरार नहीं रहता है बल्कि वह यहाँ की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाता है और पर्यटक यहां पर आकर अपने आप को सुकून का पल प्राप्त सकते हैं|
11-निष्कर्स
श्रीनगर की स्थापना कब हुई यह प्रश्न काफी ऐतिहासिक है इसका उत्तर तीसरी शताब्दी के ईसा पूर्व में मिलता है तब सम्राट अशोक ने इस शहर की स्थापना की थी विभिन्न कालचक्रों में कई शासको
ने यहां पर शासन किया और अपनी संस्कृति का प्रभाव यहां पर छोड़ा उसमें हिंदू बौद्ध मुस्लिम और मुगल शासक प्रमुख रहे मुगल शासको के शासनकाल के दौरान शहर में कला संस्कृति बागवानी पर
विशेष ध्यान दिया गया और शालीमार बाग और निशांत बाग जैसे उद्यानों का निर्माण कराया गया जो इस काल से आज तक झलकती है|श्रीनगर अपनी प्राकृतिक सुंदरता डल झील और शिकारा के
लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है और यहां की हस्तशिल्प कला कश्मीरी शॉल, पेपर माचे ,और यहां का वाजवान भोजन काफी ज्यादा मात्रा में प्रसिद्ध है जो श्रीनगर को एक अलग और अनोखी पहचान देता
हैं|अगर आप श्रीनगर घूमने आते हैं तो अपने विचारों को जरूर दूसरों को व्यक्त करे| कैसा लगा आपको श्रीनगर जरूर बताये |
Good composed
👍👍