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Toggle1-शिलांग का परिचय
शिलांग को 'पूर्व का स्कॉटलैंड' क्यों कहा जाता है
शिलांग शहर एक खूबसूरत और पहाड़ी हिल स्टेशन है इसको स्कॉटलैंड भी कहा जाता है अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए यह शहर बहुत मशहूर है शिलांग शहर पूर्वोत्तर भारत में मेघालय राज्य
की राजधानी है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 1496 मीटर की है अगर आप सोच रहे हैं कि शिलांग कैसे पहुंचे तो इस खूबसूरत शहर के इतिहास और संस्कृति के बारे में आपको जानना
और समझना होगा जो हम आपको आज के इस ब्लॉक के माध्यम से बतायेंगे|
शिलांग शहर को सन 1864 में ब्रिटिश अधिकारियों के द्वारा बसाया गया था और सन 1897 में इस शिलांग शहर में एक बहुत बड़ा भूकंप आ गया जिससे कि काफी ज्यादा नुकसान हो गया था शहर
को और फिर इसको एक नई दुनिया की तरह फिर से बसाया गया इस शहर की समानता स्कॉटलैंड देश के शहर हाइलैंड्स की तरह से मेल खता था उसी समानता होने के कारण इस शिलांग शहर
को भी पूर्व का स्कॉटलैंड भी कहने लगे अंग्रेजों के शासनकाल की शिलांग शहर में आपको कई खूबसूरत इमारतें और चर्च आज भी देखने को मिल जाएंगे जो शिलांग शहर को एक खूबसूरत शहर के रूप का दर्जा देते है |
प्रमुख आकर्षण:
शिलांग शहर एक खूबसूरत पहाड़ी हिल स्टेशन होने के कारण यहां की खूबसूरती विश्व विख्यात है शिलांग में घूमने के लिए आपको बहुत सारे ऐसे प्रमुख पर्यटक स्थल मिल जाएँगे जहां की खूबसूरती
बस आप देखते रह जाएंगे जैसे उमियाक लेक, शिलांग पीक एलिफेंट फॉल्स और डॉन बॉस्को म्यूज़ियम जैसे खूबसूरत और प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर आपको इस शहर में मिल जाएंगे इसके
अलावा शिलांग का चेरापूंजी और मावलिननॉं जैसे स्थान इसके बहुत ही नजदीक होने के कारण इसको एक खूबसूरत और आदर्श पर्यटक स्थल के रूप में विख्यात करते हैं अगर आप शिलांग कैसे
पहुंचे की जानकारी चाहते हैं तो यहां की संस्कृति इतिहास और वास्तुकला को समझना और जानना बेहद ही जरूरी है |
2-शिलांग जाने का सही समय
शिलांग जाने का सही समय आपकी यात्रा को और भी खास बना देता है शिलांग शहर का मौसम साल भर अनुकूल ही रहता है लेकिन बदलते मौसम के अनुसार आप इस खूबसूरत और पहाड़ी हिल
स्टेशन के अलग-अलग रंगों के परिद्रश्यो को देख सकते हैं|अगर आप सोच रहे हैं कि शिलांग कैसे पहुंचे तो सही मौसम का होना और जानकारी प्राप्त करना ही हमारे सफर को यादगार और खूबसूरत
बना सकता है इसलिए मौसम का चुनाव करना बेहदही जरूरी है|
3-मौसम के अनुसार यात्रा की योजना:
गर्मी (मार्च से जून:
गर्मी के मौसम में शिलांग की यात्रा करना सबसे अच्छा समय माना जाता है क्यों कि इस समय यहां का तापमान 15 डिग्री सेंटीग्रेड से 25 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच में रहता है और इस समय यहाँ का
मौसम भी ठंडा और सुहानवना रहता है जो इसे एक आदर्श और परफेक्ट स्थान बनांता है गर्मी के मौसम में शिलांग की खूबसूरत वादियां अपने पूरे जोश और शबाब मै होती है चारो तरफ आपको
हरे भरे पेड़ पौधे पहाड़ नदी घाटिया आदि दिखाई देते है जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते है और अगर आप पैदल यात्रा ट्रैकिंग इस टाइप की कुछ भी एक्टिविटीज करने का शौक रखते हैं
तो आप बेझिझक वो भी यहाँ पर कर सकते हैं इसलिए शिलांग में गर्मी का मौसम सबसे अच्छा मौसम माना जाता है इस समय यहाँ की यात्रा करना मन को सुकुनू देता है बल्कि अगर आप सड़क
मार्ग से शिलांग कैसे पहुंचे की योजना बना रहे है तो गर्मी का समय बहुत अच्छा समय है यात्रा के लिए|
मानसून (जुलाई से सितंबर):
मानसून के समय में शिलांग का रंग आपको जादू के समान दिखाई देता है जब बारिश की बूंदे इस शिलांग शहर की प्राकृतिक सुंदरता पर पड़ती है तो इसकी खूबसूरती और भी दुगनी हो जाती है
हालांकि बरसात के मौसम में यात्रा करना किसी चुनौती से कम नहीं है क्यों की रास्तो में कब किस प्रकार की दिक्कत आ जाये कुछ कहा नहीं जा सकता है जैसी रोड में काफी फिसलन हो जाना
और कहीं कहीं पर लैंडस्लाइड का हो जाना जिसके कारण मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं जिससे कि यात्री रास्ते में ही फस जाते हैं लेकिन अगर आप बारिश के बीच में शिलांग की इस खूबसूरत
वादियों का भरपूर आनंद लेना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए बहुत अच्छा है शिलांग कैसे पहुंचे यह इसी मौसम में संभव है लेकिन आपको शांति और धैर्य बनाए रखना होता है ताकि आप
अपनी तैयारी को बिल्कुल भी परफेक्ट और सटीक बनाये ताकि आपको किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े|
ऑफ-सीजन और पीक-सीजन दोनों के लाभ और कमियां:
यदि आप शिलांग जाने की योजना बना रहे हैं तो हमको यह समझना बहुत जरूरी है कि किस समय हमको अपनी यात्रा करना सबसे उचित रहेगा और हर यात्रा का अपना एक अलग अनुभव हो
सकता है कि किस मौसम में यात्रा करें इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है शिलांग कैसे पहुंचने के साथ-साथ यह भी जाना जरूरी है कि ऑफ-सीजन और पीक-सीजन में हमको क्या क्या लाभ है
और उनकी क्या कमियां है इस बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बताते हैं
ऑफ-सीजन (जुलाई से फरवरी):
लाभ:
कम भीड़: ऑफ-सीजन के दौरान शिलांग में पर्यटकों की संख्या काफी कम हो जाती है जिससे यहां पर काफी शांति और सुकून का माहौल बन जाता है और जो भी यात्री इस ऑफ-सीजन में यात्रा
करना चाहते हैं उनको अपनी यात्रा का भरपूर भरपूर आनंद यहाँ पर मिलता है क्योंकि उस समय ज्यादा शोर शराबा भी नहीं होता है और माहौल भी काफी शांत रहता है और पर्यटक भी यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता का मजे से लुत्फ़ उठाते है|
सस्ती यात्रा: ऑफ-सीजन में होटलों और फ्लाइट्स,के दरो में भी काफी कमी हो जाती है जिसका फायदा यात्री उठा सकते है जो शिलांग की खूबसूरत फिजाओ में घूमने का आनंद लेना चाहते है
अगर आप यह सोच रहे है की शिलांग कैसे पहुंचे , तो यह समय आपको लिए बिल्कुल भी सही है जो आपके बजट में भी फिट बैठता |
अलग-अलग मौसम का अनुभव: ऑफ-सीजन के दौरान आप शिलांग में कई प्रकार के मौसम देख सकते हैं, जैसे सर्दियों में ठंडी हवाओ का चलाना और भारी बर्फवारी का होना और बारिस के मौसम
में चारो और हरियाली का छा जाना एक अलग प्रकार का अनुभव देता है
4-शिलांग कैसे पहुंचे: जाने के साधन
हवाई मार्ग से शिलांग:
यदि आप यह सोच रहे हैं शिलांग कैसे पहुंचे और हवाई मार्ग के माध्यम से वहां पर किस प्रकार से पहुंचे तो आपको हवाई यात्रा का विकल्प विशेष सुविधा प्रदान करता है और जल्दी पहुंचने का
विकल्प देता है शिलांग का सबसे निकटतम हवाई अड्डा जो है वह है उमराव एयरपोर्ट (शिलांग एयरपोर्ट )जो शहर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है लेकिन यह एयरपोर्ट ज्यादा बड़ा नहीं है
काफी छोटा एअरपोर्ट है पर फ्लाइट की संख्या बहुत कम के बराबर होती है इसलिए कुछ चुनिंदा शहरों के लिए ही आपको यहां से फ्लाइट मिलती है|
उमरोई एयरपोर्ट से शिलांग कैसे पहुंचे:
अगर आप उमरोई एयरपोर्ट पर उतरने है तो आप यहाँ से शिलांग के लिए सीधे टैक्सी या कैब कर शिलांग पहुँच सकते है यह सफर आपका मुश्किल से 1 घन्टे के आस पास का होता है लगभग
एक घंटे का होता है गुजरते हुए रास्तो से आप शिलांग शिलोंग की पहाडियों का सुंदर नज़ारा भी देख सकते है |
रेल मार्ग से शिलांग: निकटतम रेलवे स्टेशन (गुवाहाटी):
अगर आप शिलांग जाने की तैयारी कर रहे हैं और रेल के माध्यम से आप शिलांग पहुंचाना चाहते हैं तो यह एक मनोरंजक और रोमांचकारी अनुभव हो सकता है शिलांग का अपना कोई भी रेलवे स्टेशन
नहीं है लेकिन इसी शहर के नजदीक गुवाहाटी पड़ता है जहां पर आपको रेलवे स्टेशन देखने को मिल जाएगा शिलांग से इस शहर की दूरी लगभग 100 किलोमीटर के आस पास की है आप यहां
तक ट्रेन के माध्यम से पहुंच सकते हैं और वहां से आगे का सफर आप बस या टैक्सी के माध्यम से कर सकते है |
टैक्सी या कैब:
गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से शिलांग तक आप टैक्सी के द्वारा भी आसानी से पहुंच सकते हैं जो आपके लिए एक सुविधा का विकल्प हो सकता है यह यात्रा आपकी 3 से 4 घंटे की होती है रास्ते में
आपको खूबसूरत असम और मेघालय के पहाड़ों का दीदार होता रहता है टैक्सी और कैब का किराया लगभग 2500 से लेकर 3500 के आसपास रहता है टैक्सी और कैब की यात्रा का समय टैक्सी किस प्रकार की है उस पर भी निर्भर करता है|
बस सेवा:
अगर आप बस के माध्यम से शिलांग पहुंचाना चाहते हैं तो गुवाहाटी से शिलांग के लिए लगातार बस की सेवाएं आपको मिलती रहती हैं असम स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (ASTC) और मेघालय
ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन(MTC) की बसें गुवाहाटी से शिलांग के लिए बराबर चलती रहती है यह बसें सस्ती होने के साथ-साथ आरामदायक भी होती हैं जो आपको समय पर उस स्थान पर पहुंचा देती है
और बस का किराया भी 150 रुपये से लेकर 300 रुपये के बीच में होता है और यात्रा भी आपकी तीन से चार घंटे की होती है यह यात्रा आपकी मौसम की स्थिति और ट्रैफिक पर भी निर्भर करता है|
शेयर टैक्सी :
शेयर टैक्सी भी एक अच्छा साधन है अगर आप के पास बजट कम है और आप टैक्सी बुक नहीं कर सकते हैं तो आप शेयर टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे आपके पैसों की बचत भी होती है
और आप कम बजट में शिलांग पहुंच जाते हैं गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के बाहर से शेयर टैक्सी कैब आपको आसानी से मिल जाती है इनका प्रति व्यक्ति किराया ₹500 से लेकर ₹700 के आसपास
होता है जो आपको सीधे में पॉइंट से उठती हैं और शिलांग के इस खूबसूरत वादियों में छोड़ती है |
5-शिलांग यात्रा के दौरान क्या ध्यान रखे
शिलांग कैसे पहुंचे वहा पर जाने का और वहा पर यात्रा करना हर एक यात्री का सपना होता है और इसकी सही तैयारी कैसे करें और क्या तैयारी हमको करनी चाहिए इस पर हमको विशेष ध्यान रखना चाहिए चाहे आप किसी नई जगह पर जाने
की योजना बना रहे हो या जाने की सोच रहे हो कुछ सामान्य बातें हैं जो आपको हमेशा अपने जीवन में लागू करनी चाहिए ये आपको हमेशा फायदा ही पहुचाती है क्या करें क्या ना करें इसकी
जानकारी मैं आपको इस ब्लॉक के माध्यम से नीचे देने जा रहा हूं जो आपकी यात्रा को एक सुखद और शांतिपूर्वक और आरामदायक यात्रा साबित करती है
यात्रा से पहले जानकारी करें:
जिस जगह पर आप जा रहे हैं वहां की पूरी जानकारी पहले से ही प्राप्त करके रख लें वहां पर क्या परिवहन के साधन है वहां का मौसम कैसा है वहां की संस्कृति कैसी है इन सारी चीजों को जानने
के बाद आप वहां की यात्रा की योजना सही तरीके से कर सकते है|अपनी यात्रा के दौरान आपको किन-किन जगहों पर जाना होगा कहां आपको घूमना होगा इन सब की एक लिस्ट आप पहले से
ही बनाकर रख ले ताकि वहां पहुंचने के बाद आप सीधे-सीधे उन्ही स्थानों पर भ्रमण कर सकें जो प्लान के अनुसार लिस्ट तैयार की थी इससे आप का समय और बजट दोनों ही बचेगा |
आवश्यक दस्तावेज़ साथ रखें:
अपनी यात्रा करने से पहले सारे डॉक्यूमेंट को आप अच्छी तरह से अपने पास संभाल कर रखें जैसे की पहचान पत्र आईडी कार्ड जिससे भी आप की पहचान हो सके वो दस्तावेज अपने साथ लेकर
चले और होटल के टिकट गाड़ी के टिकट यह अपने साथ संभाल कर रखें ताकि आपको किसी भी प्रकार की कोई परेशानी का सामना सफ़र के दौरान ना करना पड़े|
सुरक्षित और हल्का सामान पैक करें:
सफर के दौरान ज्यादा सामान ना रखें जो जरूरत की चीज है उसे ही अपने साथ लेकर सफ़र करें और यात्रा के दौरान अपने पास एक मेडिकल किट का होना बहुत जरूरी है कब और किस समय
स्वास्थ्य खराब हो जाए यह आपको भी नहीं मालूम है इसलिए अपने साथ दवाई की एक छोटी किट हमेशा साथ लेकर चलें जो आपके सफ़र को आरामदेह बनाये|
स्थानीय संस्कृति का सम्मान करें:
आप जिस शहर या राज्य में घूमने जा रहे हैं उस शहर की संस्कृति और वहां की परंपराओं का पालन आपको करना होता है जिससे कि उसे शहर की खासियते आपको पता चलती हैं इसलिए हमेशा स्थानीय संस्कृतियों का सम्मान करना चाहिए |
पर्यावरण का ख्याल रखें:
यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार का कोई भी नुकसान हमारे द्वारा पर्यावरण को नहीं पहुंचना चाहिए अगर आपके पास खाने पीने की वस्तुएं भी हैं तो हमको उसको रास्ते में या शहर के खुले एरिया में
नहीं फेंकना चाहिए इससे पर्यावरण प्रदूषण होता है और शहर की सुंदरता पर भी इसका बहुत प्रभाव पड़ता है इसलिए पर्यावरण का विशेष ध्यान रखें यात्रा के समय |
6-शिलांग में ठहरने के विकल्प
शिलांग को पूर्व का स्कॉकाटलैंड भी कहा जाता है और यह स्थान एक खूबसूरत पहाड़ी हिल स्टेशन है यहां पर यात्रियों के लिए कुछ ना कुछ बहुत खास भी रहता है जब आप शिलांग कैसे पहुंचे की
योजना बना रहे हैं तो यहां आवास के बारे में जानना उतना ही महत्वपूर्ण होता है जो आपके बजट के योजना में फिट बैठता है| शिलांग में हर बजट और सुविधा में आपके यहां पर होमस्टे और होटल इत्यादि यह सारी चीज उपलब्ध हो जाती है|
बजट होटल्स और होमस्टे:
शिलांग कैसे पहुंचे और वहा पहुच कर कैसे अपना बजट होटल की जानकारी ले |शिलांग मैं आपको बजट होटल भी मिल जाते हैं जो यात्रियों को बेहतर और अच्छी सुविधा प्रदान करते हैं होटल में साफ सुथरे कमरे मुफ्त वाई फाई की सुविधा और भी बेसिक सुविधा आपको
उपलब्ध हो जाती हैं इन बजट होटल का स्थान शहर से नजदीक ही होता है जिससे आप को शिलांग शहर घूमने में सुविधा प्रदान होती हैं इनका जो प्रति व्यक्ति किराया होता है वह ₹1500 प्रति व्यक्ति और ₹2500 प्रति रात का होता
गेस्ट हाउस:
यदि आप आरामदायक और कम खर्चे वाला बजट होटल तलाश रहे हैं तो गेस्ट हाउस आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है जहां पर किराए भी कम होता है और आपके अपने घर का जैसा
वातावरण मिलता है यह गेस्ट हाउस मुख्यतः बाजारों के आसपास ही होते हैं इनका औसत किराया प्रति व्यक्ति ₹1000 से ₹2000 प्रति रात का होता है
लक्ज़री होटल्स और रिसॉर्ट्स:
लक्ज़री होटल्स
शिलांग कैसे पहुंचे अगर आप यह सोच रहे है की शिलांग में लग्जरी होटल मिल सकते है तो आपको बता दे की शिलांग में लग्जरी होटल की विभिन्न रेंज है तो इस ग्रुप में आपके यहां पर
काफी लग्जरी रिजॉर्ट मिल जाते हैं लेकिन उनका बजट बहुत ज्यादा होता है जहां पर आप जिंदगी का असली लुत्फ़ उठा सकते हैं और आपके वहां पर शानदार आरामदायक कमरे स्विमिंग पूल और
बहुत सारी मनोरंजन की सुविधाए भी उपलब्ध हो जाती है इनका औसत किराया एक दिन का ₹7000 से लेकर ₹12000 प्रति रात का होता है
7-शिलांग में घूमने की जगहें
उमियाम लेक:
शिलांग कैसे पहुंचे इसका सबसे अच्छा जवाब है की आप गुवाहाटी तक ट्रेन से यात्रा करे उसके बाद सीधे टैक्सी कर के शिलांग पहुच सकते है और वहा जाकर आप उमियाक झील को देखना ना
भूले उमियाक लेक शिलांग शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत झील है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है यहां के लोग इसे अपनी भाषा में बड़ा पानी भी कहते हैं
यह झील खूबसूरत पर्वतों और पहाड़ों से घिरी हुई है इसका नीला पानी इतना खूबसूरत लगता है कि हर पर्यटक को मंत्र मुग्ध कर देता है उमियाम झील का निर्माण 1960 के दशक में जल विधुत
परियोजना के लिए किया गया था इस बांध से सिर्फ बिजली ही उत्पादन नहीं होती थी बल्कि इसका उपयोग शहर में जल आपूर्ति के लिए भी किया जाता था और स्थानीय निवासियों के लिए
खेती-बाड़ी के रूप में भी इसका पानी उपयोग में लिय जाता था उमियाम लेक में आप वोटिंग कयाकिंग वॉटर स्कीम यह सारी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं यहां पर पैडलबोट स्पीडबोट
या सेलिंगबोट आप किसी भी बोट का चयन अपने अनुसार कर सकते हैं झील के किनारे बने हुए सुंदर पार्क जहां पर आप अपना समय बिता सकते हैं परिवार के साथ और यहां पर आकर
पिकनिक भी मना सकते हैं काफी लोग यहां पर फोटोग्राफी भी करते हैं और यहां पर सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा इतना अदभुत होता है कि सभी यात्री अपने कैमरे में इस तस्वीर को कैद करना
नहीं भूलते हैं इसलिए जब भी आप शिलांग आए तो उमियाम लेक घूमना ना भूले
शिलांग पीक:
शिलांग पीक यह मेघालय की सबसे ऊंची चोटी है जो 1965 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है यह चोटी शिलांग शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इस क्षेत्र का सबसे अच्छा पर्यटक
स्थल के रूप में जाना जाता है शिलांग पीक से आप पूरे शहर का शानदार नजारा देख सकते हैं यहां से आपको हरे भरे पहाड़ नीले आसमान पेड़ पौधे पर्वत दिखाई देते हैं इसीलिए प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए यह स्थान स्वर्ग से कम नहीं है |
शिलांग पीक की खासियतें:
शिलांग पीक से आप चारों ओर का व्यू 360 डिग्री के एंगल पर देख सकते हैं अगर मौसम साफ रहा तो आप यहाँ से बांग्लादेश के कुछ हिस्सों को भी देख सकते हैं यहां का मौसम शांत और
सुकून देने वाला होता है और यहां पर आप बैठकर यहां की सुंदरता को निहार सकते हैं यहां की खासी जनजाति भी इस शिलांग पीक को बड़ा धार्मिक स्थान मानती है ऐसा कहा जाता है कि
शिलांग पीक पर देवताओं का निवास स्थान है जो इस पूरे क्षेत्र की रक्षा करते हैं इसीलिए जो भी पर्यटक यहां पर आता है वह इस स्थान के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करता है
कैसे पहुंचे शिलांग पीक:
शिलांग पीक पर जाकर आपको वहां की सुंदरता और प्राकृतिक अनुभव का एहसास होता है यह एक ऐसा अनुभव है जिसे आप कभी नहीं भूल सकते हैं अगर आप शिलांग की यात्रा कर रहे हैं और
और शिलांग कैसे पहुंचे यह सोच रहे हैं तो सबसे पहले शिलांग तक की यात्रा की योजना बनाएं शिलांग पहुंचने के बाद फिर आपको शिलांग पीक तक पहुंचाना कोई बड़ी बात नहीं है आप हर
किसी व्यक्ति से यहां के बारे में जान सकते हैं और पूछ सकते हैं और शहर की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं
एलिफेंट फॉल्स:
शिलांग शहर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है एलिफेंट फॉल्स यह मेघालय का एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है यह अपनी सुंदरता और प्राकृतिक दृश्य के लिए प्रसिद्ध है यहां पर तीन अलग-अलग
जगह से गिरने वाला यह विशाल झरना है इस जगह का नाम एलिफेंट फॉल्स अंग्रेजों के शासनकाल से ही पड़ गया था क्यों कि यहां पर एक विशाल पत्थर था जिसका सर हाथी के समान दिखाई
देता था तब से इस जगह का नाम आज भी बरकरार है एलिफेंट फॉल्स की कुछ खासियत है यहां बहुत ऊंचाई से पानी नीचे की ओर गिरता है जो सबसे पहले जलप्रपात होता है वह काफी चौड़ा
और धीमी गति से गिरने वाला होता है उसके बाद जो दूसरा जलप्रपात होता है वह कुछ तेज होता है और जो तीसरा जलप्रपात होता है वह सबसे सुंदर और देखने लायक होता है क्यों कि यहां पानी
एक संकरी चट्टानों से तेजी से नीचे की ओर गिरता है जो एक आकर्षक दृश्य बनाता है इसके चारों ओर बसूरत पहाड़ और जंगल है जो इसकी शोभा को और भी खूबसूरत बना देते हैं अगर आप
सोच रहे हैं शिलांग कैसे पहुंचे और एलिफेंट फॉल्स को कैसे देखें तो इसके लिए आपको सबसे पहले भारत के खूबसूरत शहर शिलांग में पहुंचना होगा उसके बाद आप इस एलिफेंट फॉल्स का मजा ले सकते है |
डॉन बॉस्को म्यूज़ियम:
डॉन बॉस्को म्यूजियम शिलांग शहर का सबसे खूबसूरत म्यूजियम है यदि आप सोच रहे हैं कि शिलांग कैसे पहुंचे तो सबसे पहले आपको शिलांग शहर तक पहुंचना होगा यह शिलांग शहर
गुवाहाटी से 100 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ एक सुंदर पहाड़ी राज्य है यहां पहुंचने के बाद आप डॉन बॉस्को म्यूजियम तक पहुंचाने के लिए टैक्सी या लोकल बस का इस्तेमाल कर सकते हैं
म्यूजियम शहर के बीचों बीच में स्थित है इसलिए आपको यहां तक पहुंचने में किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है शिलांग शहर में स्थित डॉन बॉस्को म्यूज़ियम उत्तर
भारत का बहुत बड़ा सांस्कृतिक धरोहर का एक संग्रहालय है यह म्यूजियम 7 मंजिल में फैला हुआ है और 17 गैलरियो के माध्यम से इसमें विभिन्न जीवन शैलियों को दर्शाया गया है जीवन संस्कृति
कला हस्तशिल्प आदि ,इस म्यूजियम की सबसे खास बात इसका आर्किटेक्चर है जो इसको खास ही नहीं बल्कि सबसे अलग और आकर्षक बनाता है
8-ट्रिप की योजना और बजट निर्धारण
शिलांग की यात्रा की योजना बनाना आपके लिए सुखद अनुभव हो सकता है लेकिन सही योजना और सही प्लानिंग से आप अपनी यात्रा को यादगार बना सकते है आप चाहे दोस्तों के साथ यात्रा
करें या परिवार के साथ यात्रा करें आपको अपनी योजना को सही बनाना बहुत ही जरूरी है सबसे पहले आपको अपने यात्रा के दिनों की संख्या निर्धारित करनी होती है कि शिलांग में घूमने के लिए
कितने दिन लग जायेगे शिलांग में यात्रा करने में चार से पांच दिन का समय आपके लिए काफी है क्योंकि इन चार से पांच दिनों में आप एलिफेंट फॉल्स शिलांग पीक उमियालेक और डॉन बॉस्को
म्यूजियम आराम से घूम सकते हैं बात यह है कि शिलांग कैसे पहुंचे आप शिलांग पहुंचने के विभिन्न तरीके हैं अगर आप हवाई मार्ग से आना चाहते हैं तो इसके लिए गुवाहाटी हवाई अड्डा है जहां से
आपको टैक्सी या कैब से 3 घंटे का सफर करने के पश्चात आप शिलांग पहुंच सकते हैं ट्रेन बस यह सारे तमाम विकल्प उपलब्ध है जहां से आप अपनी यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं वहां पर
जाकर आपको अपने बजट का निर्धारण करना होता है कि आप किस होटल में रुक सकते है और अपने भोजन पानी इन सारी चीजों पर होने वाले खर्च को निर्धारित कर सकते है इस प्रकार से आप
अपने बजट में इस खूबसूरत शहर की यात्रा कर सकते हैं जो आपकी यात्रा को सफल और मनोरंजक बनाते है
8-निष्कर्ष
हमारा निष्कर्ष यह निकलता है कि अगर आप शिलांग की यात्रा की योजना बनाते हैं तो आपको अपने बजट पर पूरा ध्यान देना होता है आप वहां पर कितने दिन रुकना चाहते है इन सारी चीजों
की जानकारी पहले से ही तय करनी होती है अब बात महत्वपूर्ण यह है कि शिलांग कैसे पहुंचे इस प्रश्न का सही जवाब यह है कि आप शिलांग से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुवाहाटी
शहर है जहा पर आप ट्रेन ,बस, और टैक्सी इन साधनों का उपयोग कर गुवाहाटी पहुंच जाएं वहां से आगे की यात्रा आपको बड़ी ही सुविधापूर्वक उपलब्ध हो जाती है और वहा पहुंचने के बाद आप
शिलांग शहर के खूबसूरत पर्यटक स्थलों को घूम सकते हैं और उनका आनंद ले सकते हैं जो वहां की संस्कृति और पारंपरिक विविधता को दर्शाती है इसलिए सिक्किम की यात्रा करें और अपने सुखद अनुभव को दूसरों तक जरूर पहुचाये |
Nicely composed
Interesting 🙏