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Toggle1-मुनस्यारी कैसे पहुंचे परिचय
मुनस्यारी कैसे पहुचे आज हम आपको मुनस्यारी का परिचय कराने जा रहे हैं मुनस्यारी हमारे उत्तराखंड राज्य के अंतिम सीमा वाले जिले पिथौरागढ़ में स्तिथ एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है | यह खूबसूरती के साथ-साथ एक तरह का धरती का स्वर्ग भी है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के
लिए भी मशहूर है मुनस्यारी का जो नाम है यह भी दो शब्दों से लिया गया है जिसका अर्थ होता है बर्फ वाल क्षेत्र यह नाम इस क्षेत्र के साथ-साथ पूरे देशवासी की जुबान पर भी छा चुका है मुनस्यारी के चारों ओर फैली खूबसूरत पर्वत मालाये जिनमे पंचाचूली , नंदा देवी जैसी मशहूर पर्वत श्रंखलाये है |
यहां पर लोग पर्वतारोहण और ट्रैकिंग के लिए भी आते हैं मुनस्यारी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि यहां की सांस्कृतिक धरोहर भी लोगों के दिलों को छू जाती है यहां के लोग खेती-बाड़ी करते हैं और बहुत मेहनती होते हैं| और प्रकृति के साथ उनका काफी ज्यादा लगाव रहता है मुनस्यारी जहां का मौसम पूरे वर्ष पर ठंडा रहता है वही सर्दियों के समय
यहां पर काफी ज्यादा बर्फ गिरती है क्यों कि जिस समय पूरी दुनिया में गर्मी हो रही होती है तब यहां का मौसम यहाँ पर घूमने आये पर्यटकों को सुकून देने वाला होता है इसलिए अधिकतर पर्यटक यहां पर गर्मियों के समय में अपनी छुट्टियां बिताना पसंद करते हैं समुद्र तल से लगभग 2200 मीटर की
ऊंचाई पर स्थित मुनस्यारी एक खूबसूरत जगह के साथ-साथ एक शांत और आदर्श जगह भी है इसी लिए लोगों ने इसे छोटा कश्मीर भी कहना शुरु कर दिया है क्यों कि जिस तरह से कश्मीर के चारों तरफ बर्फ के पहाड़ों से घिरा रहता है इसी तरह से मुनस्यारी भी चारों तरफ ऊंची ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं और बड़े-बड़े बुग्याल आदि क्षेत्रों से घिरा हुआ रहता है
मुनस्यारी कैसे पहुंचे इस सफर में हम आपको बताएंगे कि अगर आप दिल्ली से मुनस्यारी पहुंचाना चाहते हैं तो इसके लिए सर्वप्रथम आपको दिल्ली आनंद विहार बस स्टेशन से उत्तराखंड परिवहन निगम की बस आपको मिल जाएगी जो रोज सुबह और शाम चलती है आप वहां से बस में
बैठकर मुनस्यारी जा सकते हैं और यह सफर लगभग 600 से 620 किलोमीटर का हो सकता है रास्ते में आपको दो बड़े शहर मिलेंगे उत्तराखंड के पहले शहर रुद्रपुर, दूसरा उत्तराखंड की व्यापारिक राजधानी जिसे हम हल्द्वानी के नाम से भी जानते हैं वह शहर आएगा और उसके बाद आपको
खूबसूरत पहाड़ों के दृश्य नजर आएंगे अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ की हसीन वादियों के दीदार करते हुए आप अपने गंतव्य स्थान मुनस्यारी पहुच जायेगे |
अपना वाहन मुनस्यारी पहुंचने के लिए आप अपने निजी वाहन का भी उपयोग कर सकते हैं जिससे रास्ते में आपको अपने वाहन के साथ कहीं पर रुकना हो आप रुक सकते हैं और अपनी सार्वजनिक यात्रा का आनंद उठा सकते हैं
3-रेल मार्ग से मुनस्यारी कैसे पहुंचे
मुनस्यारी कैसे पहुंचे अगर आप मुनस्यारी रेल मार्ग से पहुंचाना चाहते हैं तो आप भारत के किसी भी कोने से यहाँ आना चाहते है तो इसके लिए आपको उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्तिथ खूबसूरत रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन ही पहुंचना होगा या फिर आप उत्तराखंड राज्य के
दूसरे जिले उधम सिंग नगर के टनकपुर रेलवे स्टेशन पहुचे और वहां से फिर आप टैक्सी या अपनी पर्सनल गाड़ी या बस के द्वारा मुनस्यारी के लिए प्रस्थान कर सकते है फिर आप टनकपुर से वाया पिथौरागढ़ के रास्ते बस या टैक्सी के द्वारा मुनस्यारी तक पहुंच सकते हैं |
4-हवाई मार्ग से मुनस्यारी कैसे पहुंचे
मुनस्यारी कैसे पहुचे यह बहुत ही आसान है अगर आप हवाई मार्ग से मुनस्यारी आना चाहते हैं और देश के किसी कोने से यहाँ पर पहुचना चाहते है तो सबसे पहले आपको उत्तराखंड राज्य के
कुमाऊ मंडल के उधम सिंह नगर जिले में स्थित पंतनगर हवाई अड्डे पर पहुंचना होगा क्यों कि यह मुनस्यारी के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है जो की 312 किलोमीटर के आसपास है यहां से आप
फिर टैक्सी किराए पर भी ले सकते हैं और अगर आप की अपनी पर्सनल गाड़ी है तो आप उसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं और उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों के द्वारा आप सड़क मार्ग से होते हुए प्राकृतिक सुंदरता को निहारत हुए आप मुनस्यारी तक पहुंच सकते हैं
5-मौसम और यात्रा का सही समय
गर्मियों का मौसम (अप्रैल से जून):
मुनस्यारी कैसे पहुंचे यह सभी के मन में रहता है कि जब कोई गर्मी वाले स्थान से ठन्डे वाले स्थानों की ओर जाता है तो वह यह डिसाइड नहीं कर पाता है कि उसे कहां जाना चाहिए तो इसी कड़ी में
हम आपको आज लेकर जाएंगे मुनस्यारी मुनस्यारी पहुंचने का सबसे अच्छा समय गर्मियों का है क्यों की बच्चो के स्कूल की छुट्टियां भी इसी समय पर होती हैं और इस समय यहां का मौसम भी बेहद
ही खूबसूरत और रोमांचक रहता है आमतौर पर इस समय यहां का जो टेंपरेचर भी होता है वह 15 से 22 या 24 डिग्री के आसपास रहता है और इसी समय सारे लोग यात्रा करना पसंद भी करते हैं और टूरिस्ट भी यहां पर इस समय ज्यादा पहुंचता है|
मानसून का मौसम (जुलाई से सितंबर) :
मुनस्यारी कैसे पहुचे इस बारे में आपको बताते है की मानसून के दौरान मानसून के समय में मुनस्यारी का सफर करना मेरे हिसाब से उतना ठीक नहीं रहेगा क्यों कि होता क्या है
बारिश के कारण पर्यटक जगह-जगह यात्रा में फंस सकते हैं क्यों कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण डस्लाइड होने का डर बना रहता है ऐसे में आपको कहीं पर मुशिकल हालातो का सामना करना पड़
सकता है रास्ते भी बंद हो सकते है तो इस स्तिथि में मेरा यही मानना है आप यात्रा ना करें और क्यों कि यात्रा के दौरान जो टेंपरेचर रहता है वह अमूमन 10 डिग्री सेंटीग्रेड से 20 डिग्री सेंटीग्रेड
के बीच में रहता है हालां कि मानसून के दौरान चारों तरफ प्राकृतिक वातावरण एकदम हरा भरा हो जाता है और नदियां अपने उफान पर रहती हैं जंगल पूरे हरियाली के साथ खिल उठते है चारो तरफ कोहरे की चादर सी लिपट जाती है |
सर्दियों का मौसम (अक्टूबर से मार्च):
सर्दियों के मौसम में मुनस्यारी कैसे पहुचे यही बात आज हम आपको बताएगे की मुनस्यारी की यात्रा करना ठीक रहता है की नहीं की यात्रा कारण सर्दियों में बहुत ही अच्छा रहता है क्यों कि उस समय चारों तरफ बर्फ के पहाड़ पर्वतों को ढक देते है असा लगता है की जैसे मानो हम हिमालय पर्वत पर पहुक गए
होते है पहाड़ो का खूबसूरत वातावरण एक अलग ही समा बना देता है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है और तब यहां का तापमान लगभग जीरो डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता है प्राकृतिक
वातावरण चारों तरफ बर्फ के पहाड़ों से ढक जाता है और मौसम में ठंडी हवाएं मुनस्यारी चलने लगते हैं जो पर्यटकों को सुकुनू और शांति का एहसास दिलाता है
6-मुनस्यारी में घूमने की जगह
मुनस्यारी में घूमने की बहुत सारी जगह है प्रकृति ने मुनस्यारी को एक अद्भुत और सुंदर और खूबसूरत बनाया है मुनस्यारी हर पर्यटक की दिल की खास जगह बनती जा रही है अगर आप मुनस्यारी कैसे पहुचे
इस बारे में जानकारी ढूंढ रहे हैं तो एक बार इस स्थान की जानकारी जरूर ले ताकि आपकी यात्रा शांति और सुकून भरी हो और आपको यह स्थान बार-बार याद आए| चलिए बताते है आपको मुनस्यारी की कुछ खास घूमने की जगह |
खलिया टॉप:
मुनस्यारी कैसे पहुंचे इसके लिए आपको सीधे उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले के काठगोदाम स्टेशन में ट्रेन से आना होगा उसके बाद आप यहाँ से खूबसूरत मुन स्यारी की यात्रा कर सकते है और खलिया टॉप का आनंद ले सकते है ,खालिया टॉप यह मुनस्यारी की सबसे खूबसूरत ट्रैकिंग और घूमने की जगह में से एक है समुद्र तल से 3500 मीटर की ऊंचाई पर यह खूबसूरत खलिया टॉप बसा हुआ है इसके चारों ओर
पर्वतमालाओं की श्रेणियां इतनी खूबसूरती से दिखाई देती है मानो आपका मन एकदम से खिल उठेगा क्यों कि जब सामने के सुंदर पर्वत,जैसे नंदा देवी शिखर ,पंचाचूली , नंदाकोट ये पर्वत
दिखायी देते है तो सामने का नज़ारा आपको रोमांचित कर देगा |खलिया टॉप तक पहुंचने के लिए आपको थोडा कठिनाई से गुजरना होगा और जिससे आपकी यात्रा थोडा थकान भरी
महसूस हो सकती है आप मुनस्यारी कैसे पहुंचे यहां की असली खूबसूरती को करीब से अगर देखना चाहते हैं तो खलिया टॉप की यात्रा आप अवश्य करें|
बलाती फार्म:
मुनस्यारी कैसे पहुंचे और पहुचने के बाद बलाती फॉर्म न जाये ऐसा संभव हो सकता है आएयेबाल्टी बलाती फार्म की जानकारी देते है यह जगह मुनस्यारी में है समुद्र तल से 9000 फीट की ऊंचाई पर यह स्थान है जो आलू की खेती के लिए प्रसिद्ध है क्यों कि यहां पर होता है हमारे उत्तराखंड का खूबसूरत आलू
यह स्थान खेती-बाड़ी के लिए भी जाना जाता है और यहां पर उच्च गुणवत्ता वाला आलू भी पैदा होता है बालती फॉर्म के चारो और से हिमालय की खूबसूरत पर्वत श्रंखलाये है जो यात्रिओ को इस जगह तक खीच लाती लगता है यहां पर स्थानीय लोग आलू की खेती करना ज्यादा पसंद करते हैं |
बिर्थी फॉल्स:
मुनस्यारी कैसे पहुचे अगर आपको यह जाकारी मिल जाती है तो फिर आपको मुनस्यारी के बिर्थी फॉल्स पहुचने से कोई नहीं रोक सकता है क्यों की यहाँ एक खूबसूरत और शानदार झरना है जो
पत्थरों की चट्टानों से नीचे गिरता है यह स्थान 35 किलोमीटर दूर है मुनस्यारी से इस झरने से जो पानी नीचे गिरता है वह लगभग 126 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता है | इसके चारों ओर घना
और हरा भरा जंगल है यहां तक पहुंचने के लिए आप बाइक ,कार ,या स्कूटी इन साधनों का प्रयोग कर सकते हैं यह आपके लिए एक रोमांचक अनुभव होगा लेकिन सफ़र की यात्रा धीरे धीरे करे |और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद भी लेते रहे | जिससे आपकी यात्रा शुभ हो |
नंदा देवी मंदिर:
मुनस्यारी कैसे पहुंचे और पहुचने के बाद माँ नंदा देवी के दर्शन जरूर करे क्यों की यह मंदिर मुनस्यारी का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है यहां पर भी हर वर्ष की भांति नंदा देवी मेले का आयोजन किया जाता है जो मां नंदा देवी को ही समर्पित होता है यह नंदा देवी हमारे
उत्तराखंड के कुलदेवी के रूप में जानी जाती है हर साल यहाँ पर मेले का आयोजन होता है जिसमे दूर दूर से पर्यटक शामिल होते हैं मेले को पर्यटक बड़े हर्सो उल्लास के साथ देखते हैं अगर
आपको कभी इस मंदिर की यात्रा करनी है और मुनस्यारी कैसे पहुंचे यह सब जानना है तो सबसे बढ़िया तरीका है कि आपको सही मार्ग का पता होना चाहिए और सही जानकारी जिससे कि आप इस जगह पर सही तरीके से पहुंच सके|
मिलम ग्लेशियर:
मुनस्यारी कैसे पहुंचे अगर मुनस्यारी के मिलम ग्लेशियरों की बात की जाए तो उत्तराखंड के ये ग्लेशियर बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है इन्हीं में से एक है मिलम ग्लेशियर मिलम ग्लेशियर जो की
मुनस्यारी क्षेत्र से 15 से 16 किलोमीटर की दूरी पर है यह भी उत्तराखंड के बड़े ग्लेशियर में से एक है यह जगह उन लोगों के लिए काफी खूबसूरत
और वरदान है जो लोग ट्रैकिंग का मजा और साहसिक कार्य करने के आदि है और पहाड़ ,पर्वत के अद्भुत नजारे को नजदीक से देखना पसंद करते हैं यहां की यात्रा करने से जो हिमालय का शुद्ध वातावरण और प्रकृति का जो खूबसूरत समा इस जगह से दिखाई देता है वह शायद ही
आपको कहीं और से दिखाई दे मुनस्यारी कैसे पहुचे इस जगह तक पहुंचने की योजना बनाने से पहले इसके बारे में जानकारी जुटाएं क्यों कि यह एक लंबा और चुनौती पूर्ण यात्रा हो सकती है
इसलिए जगह पर पहुंचने से पहले उसकी सही जानकारी और वहां की भौगोलिक परिस्थितियों को जानना अति आवश्यक है | और यात्रा का आनंद ले |
थामरी कुंड :
मुनस्यारी कैसे पहुंचे ये सारी जानकारी जब आप अपने पास रख लोगो तो आपको मुनस्यारी के पर्यटक स्थल घूमने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी थामरी कुंड यह भी मुनस्यारी क्षेत्र
का एक पर्यटक स्थल है यहां पर एक छोटी सी खूबसूरत झील है जिसका पानी एकदम साफ सुथरा है और पीने योग्य है प्रकृति प्रेमियों के लिए यह स्थान काफी खूबसूरत और रोमांचित करने वाला है काफी पर्यटक थामरी कुंड आते हैं यहां पर फोटोग्राफी करते
हैं और आसपास की खूबसूरत पेड़ पौधों को देखते है और उन्हें अपने मोबाइल से कैप्चर करते है और वहा की यादो को लेकर अपने साथ जाते है |थामरी कुंड के आस पास आपको तरह-तरह के पक्षी भी देखने को मिल जायगे यह क्षेत्र हिमालय के काफी नजदीक होने के कारण यहाँ का
प्राकृतिक वातावरण भी बहुत खूबसूरत दिखाई देता है| यह स्थान पिकनिक मनाने वालों के लिए भी बहुत अच्छी जगह है |
मुनस्यारी बुग्याल:
मुनस्यारी कैसे पहुंचे इस बात को जानने के लिए हमको मुनस्यारी की बुग्यालों तक की यात्रा का सफर करना होगा मुनस्यारी पहुंचने के लिए हमको देश के किसी भी कोने से काठगोदाम स्टेशन
तक हमको पहुंचना होगा जो की उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में है फिर यहां से हम मुनस्यारी के लिए बस टैक्सी जो भी हमको साधन उपलब्ध होंगे हम सड़क मार्ग के द्वारा मुनस्यारी पहुंच
सकते हैं और तब जाकर हम वहां पर इन बुग्यालो को को देख व निहार सकते हैं दरअसल बुग्याल हरी भरी घास के मैदान होते है जहा पर आप प्रकृति को नजदीक से जान पाते हो
7-मुनस्यारी की संस्कृति
मुनस्यारी कैसे पहुंचे अगर आप इस खूबसूरत से स्वर्ग तक पहुक जाते है तो मुनस्यारी उत्तराखंड का यह क्षेत्र आपके स्वागत के लिए तैयार हो जाता है ,मुनस्यारी कुमाऊं में स्थित एक खूबसूरत और सांस्कृतिक धरोहरों परंपराओं से पूर्ण स्थान है यह न केवल सौंदर्य रोमांचक गतिविधियों के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि यह अपने
ऊँचे ऊँचे पर्वत शिखर मालाओं और खूबसूरत विरासत को संभाले हुए हैं आज हम आपको मुनस्यारी की संस्कृति के बारे में बतायेगे |
स्थानीय संस्कृति और परंपराएँ मुनस्यारी की स्थानीय संस्कृति हमारे कुमाऊं समाज की तरह ही है वहां के रीति रिवाज और वहां की जो सांस्कृतिक धरोहर है वह हमारे जीवन शैली से मेल खाती है मुनस्यारी में काफी त्योहार मनाए जाते हैं |
हस्तशिल्प और कलाकृतियाँ: मुनस्यारी के गावो में आपको काफी तरह की हस्तशिल्प कलाएं देखने को मिल जायेंगी| यहाँ के गांव में काफी कुशल कारीगर भी आपको मिल जायेंगे| जो इन
कलाकृतियों को अपने हस्तशिल्प के माध्यम से आज भी संजोये रखे हैं| यहां पर आपको शाल ,कालीन ,जैकेट कुमाऊनी टोपी , बनियान यह सब हाथ से बने हुए कारीगरी आपको दिखाई देगी |
8-भोजन और व्यंजन
मुनस्यारी कैसे पहुचे और यहाँ के भोजन का स्वाद कैसे ले मुनस्यारी का पारंपरिक भोजन एक सरल और सादगी से भरा हुआ है हिमालय की गोद में बसा यह खूबसूरत शहर अपने भोजन और स्वाद के लिए भी काफी प्रसिद्ध है आईये आपको बताते हैं यहां की भोजन की कुछ विशेषताएं
- भट्ट की दाल:
भट्ट की दाल यह एक प्रकार की काली सोयाबीन होती हैं जिनसे यह दाल बनाई जाती है आमतौर पर इसे अपने पूरे कुमाऊं के हिस्से में ही बनाया जाता है लेकिन फिर भी यह ज्यादातर ठंडे इलाकों
में खाई जाती है इसे धीमी आंच पर पकाया जाता है| और स्वाद के अनुसार मसाले डालकर इस दाल का प्रयोग किया जाता है भट्ट की दाल को चावल के साथ या रोटी के साथ भी खाया जाता है यह अपने पहाड़ का एक प्रमुख व्यंजन है
2 .मंडुए की रोटी:
मडुवे की रोटी यह एक प्रकार की विशेष रोटी होती है इस रोटी का रंग कला होता है लेकिन इसको घी के साथ डुबोकर और गुड़ के साथ खाने में एक अलग ही मजा है मडुवे की रोटी को
खाने के फायदे यह होते हैं कि आप शुगर के पेशेंट हैं तो भी आप इसे खा सकते हैं यह आपके शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है इसमें काफी मात्रा में विटामिन और हमारे शरीर से लड़ने
की रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है इस रोटी का उपयोग हम सब्जी के साथ दाल के साथ भी करते है जिससे कि शरीर में गर्मी बनी रहती है और खासतौर से यह ठंडी जलवायु के लोग इस चीज का सेवन ज्यादा करते हैं|
3- झोई:
झोई यह कुमाऊं की एक पारंपरिक डिश होती है जिसको हम झोई बोलते हैं आमतौर पर इसे लोग कड़ी भी बोलते हैं इस झोई का प्रयोग हम रोटी और चावल के साथ करते है इसमें एक प्रकार
की हल्की खटास भी होती है जिसे छाछ या मठ्ठे से बनाया जाता है और इसका साथ बेहद ही लाजवाब होता है यह व्यंजन मुनस्यारी क्षेत्र के पारंपरिक भोजन का एक अभिन्न हिस्सा है और अक्सर हर घर में रोज इसे बनाया जाता है
3-बुरांश का शरबत:
बुरांश का शरबत यह मुनस्यारी क्षेत्र के लोगो का अभिन्न हिस्सा है यहाँ के लोग जब भी भोजन करते हैं उसके बाद पेय पदार्थ के रूप में इस शरबत का उपयोग करते है| यह शरबत हमें विशेष प्रकार के पेड में उगने वाले फूल से प्राप्त होता है जो काफी ऊंचाई वाले स्थान और ठंडी जगह में
होता है इस फूल से न केवल शरबत बनता है बल्कि इस फूल में काफी औषधि गुण भी शामिल होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य व ह्रदय के लिए भी काफी लाभदायक होते हैं | मुनस्यारी कैसे पहुंचे
इसका जवाब खोजते हुए आप यहां इन स्वादिष्ट व्यंजन का स्वाद लेने जरूर आए ताकि आपको यहां की संस्कृति यहां का खानपान इन सबका अनुभव हो सके और जानकारी प्राप्त हो सके धन्यवाद
8-निष्कर्ष
मुंस्यारी उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में बसा हुआ एक बेहद खूबसूरत और रोमांचित शहर है जो प्रकृति प्रेमियों के लिए वरदान है समुद्र तल से 2200 मीटर की ऊंचाई पर होने के कारण यहां का वातावरण हमेशा ठंडा रहता है और इसकी ऊंची चोटियां बर्फ से घिरी रहती हैं चारों ओर जंगल
हरे-भरे रहते हैं जिससे पर्यटक यहां आकर खुश होते हैं और यहां पर ट्रैकिंग का मजा लेते हैं यहीं से आपको मिलम ग्लेशियर पंचाचुली बेस कैंप न जाने कितने ही ऐसी खूबसूरत से ट्रैक हैं जो आपके यहां दिखाई देंगे और आपकी यात्रा को रोमांचित बनाएंगे मुनस्यारी कैसे पहुंचे यह केवल प्रश्न
ही नहीं बल्कि यह हमारे मन की खोज है आप मुनस्यारी पहुंचने के बाद यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लें यहां की चीजों को समझे विरासत को जाने पर्वतों को पहचाने यहां के पारंपरिक त्योहार भोजन हस्तशिल्प यहां की समाज को पहचाने और अपनी यादों में उसको बसाये इसी कड़ी के साथ मैं आपसे विदा लेता हूं अगले आर्टिकल में आपसे फिर मिलुगा धन्यवाद
Interesting 👍👍